प्रदेश में सभी तटबंध सुरक्षित

प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है, कहीं भीकिसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं

बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 16 टीमें तैनात

प्रदेश में 110 बाढ़ शरणालय तथा 653 बाढ़ चैकी स्थापित

बाढ़, अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी

बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है जिसमे 17 प्रकार की सामग्री वितरित की जा रही है

प्रदेश में 92 पशु शिविर स्थापित तथा 4,60,772 पशुओं का किया गया टीकाकरण

प्रभावित गांवों के पशुओं के लिये चारे हेतु 05 किलो भूसा प्रतिदिन प्रति पशु इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है

शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया, राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर व राप्ती बैराज श्रावस्ती, सरयू (घाघरा) नदी- एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है

आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी



उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री  ने लोक भवन में  बताया प्रदेश की बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रभावित जनपदों में  सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 16 टीमें तैनाती की गयी है। उन्होंने बताया कि 1129 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि बाढ़,अतिवृष्टि की आपदा से निपटने हेतु बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ राहत कार्याें में किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं होगी। वरिष्ठ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने  बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 9,304 खाद्यान्न किट, 46,058 फूड पैकेट व 66,647 मी0 तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 188 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
उन्होंने ने बताया कि नेपाल द्वारा 4 लाख 12 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण घाघरा नदी के जल स्तर में  वृद्धि के दृष्टिगत गांेडा जनपद की तहसील तरबगंज के अंतर्गत भिखारीपुर सकरौर तटबंध में कटान की सूचना प्राप्त हुई थी। जिला प्रशासन द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए बोल्डर, झांवा, नायलाॅन क्रेट तथा ट्री स्पर से बचाव/मरम्मत कार्य किया गया जिससे तटबंध को कटने से बचा लिया गया तथा वर्तमान में तटबंध सुरक्षित। उन्होंने बताया कि ग्राम टेकनपुर, तहसील सगड़ी, जिला आजमगढ़ में घाघरा नदी की सहायक नदी छोटी सरजू के तटबंध में करीब 20 मीटर का ब्रीच हुआ है। जिससे दो गांव टेकनपुर एवं सहसपुरा की आबादी एवं 12 गावों की फसल प्रभावित होने की संभावना है। आबाद गांव हेतु पर्याप्त नाव लगा दी गई है और आश्रय स्थल भी तैयार कर लिए गए है। बंधे की मरम्मत का कार्य जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में चल रहा है। बंधे की मरम्मत का कार्य आज पूर्ण कर लिया जाएगा।
उन्होंने ने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 110 बाढ़ शरणालय तथा 653 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 15 जनपदों के 820 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। उन्होंने बताया कि शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया राप्ती नदी बर्डघाट गोरखपुर, राप्ती बैराज श्रावस्ती, सरयू (घाघरा) नदी-एल्गिनब्रिज बाराबंकी और अयोध्या में अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। प्रभावित गांवों के पशुओं के लिये चारे हेतु 05 किलो भूसा प्रतिदिन प्रति पशु इत्यादि की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 92 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 4,60,772 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए जनपद एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जनपदीय आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्राह्मण वंशावली

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा