किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने निभाई कोविड-19 से लड़ने में अग्रणी भूमिका - राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसे सरकारी अस्पतालों ने कोविड-19 से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों के कारण ही लाखों देशवासी घनी आबादी और सीमित आय जैसी परिस्थितियों के बावजूद कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हुए। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद वीडियो मैसेज के माध्यम से आज (21 दिसम्बर, 2020) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के 16वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति ने केजीएमयू जैसे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया, जो कोरोना का मुकाबला करने में फ्रंटलाइन योद्धा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन योद्धाओं के लिए सभी प्रशंसा कम है। अनेक कोरोना योद्धा इस लड़ाई में अपनी जान गवां चुके हैं। इन कुर्बानियों के लिए हमारा देश हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि संचार टेक्नोलॉजी तथा 21वीं सदी की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे डॉक्टरोंकी व्यक्तिगत प्रतिभा के बीच तालमेल बनाने के प्रयास पूरी दुनिया में जारी है। बिग डाटा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, रॉबोटिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी तथा कनेक्टिविटी के साथ बॉयो-साइंस के उचित समन्वय से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति हो रही है। 58 विशेषज्ञताओं के साथ केजीएमयू के पास प्राथमिक डाटा आधारित अंतर-विषयी और बहु-विषयी क्षमता है। उन्होंने कहा कि केजीएमयू जैसी अग्रणी संस्थानों को मौलिक शोध पर उच्च स्तर का काम जारी रखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पूर्ववर्ती छात्र पिछले कई दशकों से महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, देश और विदेश में शीर्ष चिकित्सा संस्थानों में ऊंचे पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू एल्युमिनी एसोसिएशन के 12,500 सदस्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं। उन्होंने एसोसिएशन को एक नॉलेज पोर्टल बनाने का सुझाव दिया, जहां भारत तथा विदेशों में काम कर रहे इस संस्थान के पूर्ववर्ती छात्र चिकित्सा व्यवहारों, शोध कार्य, जटिल रोग इलाजया स्वास्थ्य सेवा से संबंधित ज्ञान और अनुभव को साझा कर सकें।
राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक देशों के लोग गंभीर बीमारियों का इलाज कराने भारत आते हैं, क्योंकि उन्हें कम लागत पर विश्वस्तरीय इलाज मिलता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई और पुरानी पीढ़ी के सभी डॉक्टर मिलकर देश में स्वास्थ्य सेवा और औषधि के क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में डॉक्टरों तथा नर्सों की प्रतिभा और सेवा भावना विख्यात है। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि अपने देश का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के बारे में पूरी दुनिया में ‘क्योर इन इंडिया’कहा जा सके।