प्रदेश के कुल 1477 स्थानों पर ड्राई रन सत्र आयोजित

 

प्रदेश सरकार के निर्देशन में कोविड से चल रही जंग हेतु समस्त जिलों में प्रशिक्षित वैक्सीनेटर्स द्वारा कोविड वैक्सीन का अंन्तिम ड्राई रन आयोजित किया गया। प्रदेश के सभी जिले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश सरकार से जुड़े रहे और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने जनपदों में वैक्सीनेशन की व्यवस्थाओं की जानकारी दी। सोमवार को सम्पन्न इस पूर्वाभ्यास में प्रदेश के कुल 1477 स्थानों पर ड्राई रन सत्र आयोजित किये गये जिसमें प्रत्येक सत्र में 15 लाभार्थी मौजूद रहे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि लखनऊ में कुल 7 सत्रों में केजीएमयू में 2, एस.जी.पी.जी.आई., राम मनोहर लोहिया संस्थान, सहारा अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र माल और मलिहाबाद  में एक-एक सत्र आयोजित हुआ। जिसमें प्रत्येक सत्र के लिए एक टीम जिसमें पांच टीकाकरण कर्मी तथा 15 -15 लाभार्थी थे। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, मंडलायुक्त लखनऊ श्री रंजन कुमार एवं पुलिस आयुक्त  डी॰के॰ ठाकुर ,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, जिलाधिकारी लखनऊ श्री अभिषेक प्रकाश द्वारा अलग-अलग सत्रों में ड्राई रन का निरीक्षण किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ डा० संजय भटनागर द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में सोमवार को  प्रशिक्षित वैक्सीनेटर्स द्वारा कोविड वैक्सीन का ड्राई रन हुआ। आज की पूरी गतिविधि के माध्यम से बायोमेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने, ओब्सेर्वेशन कमरे में लाभार्थी को रखने के बाद वैक्सीन का प्रतिकूल प्रभाव देखने और उसका इलाज करने का ड्राई रन किया गया। डा० भटनागर ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी को भी वैक्सीन नहीं लगायी गयी बल्कि केवल वैक्सीन का मॉक ड्रिल हुआ।
प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रत्येक सत्र हेतु तीन कमरों में टीकाकरण केंद्र बनाये गये। पहला रूम वेटिंग रूम जिसमें लाभार्थी का वेरिफिकेशन करने के उपरांत  उसे  बैठाया गया तथा कोविंन पोर्टल पर डाटा अपलोड किया गया। दूसरा रूम वैक्सीनेशन रूम, जहां पर लाभार्थियों को टीका लगाया गया। तीसरा रूम ऑब्जरवेशन रूम, जिसमें टीकाकरण के बाद लाभार्थियों को करीब आधे घंटे तक बैठाया गया। जहां पर 30 मिनट के भीतर टीका लगने वाले व्यक्ति पर टीके के प्रतिकूल प्रभाव पर विशेष नजर रखी गयी। इसके लिए एक स्पेशलिस्ट टीम तैनात थी जिसमें डाक्टर और पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल रहे, जो । ।म्थ्प् (एडवर्स इफेक्ट फालोइंग इम्युनाइजेशन) किट के साथ देखरेख कर रहे थे। वैक्सीनेशन के 30 मिनट बाद ही लाभार्थी घर जा भेजा गया।

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