कोहरे के कहर से हादसों की दस्तक बढ़ी

 


लखनऊ,  कोहरे के कहर से हादसों की दस्तक बढ़ जाती है। साल के 25 फीसद हादसे कोहरे के कारण होते हैं। जिसमें करीब 18 फीसद लोगों की जान चली जाती है। सबसे अधिक दुर्घटनाएं कोहरे के दौरान नेशनल हाई-वे पर होती हैं। हाई-वे पर होने वाले सड़क हादसों का प्रमुख कारण धुंध के कारण विजिबिलटी शून्य के बराबार होना। वहीं, दूसरा कारण सड़क पर खड़े वाहन और तेज रफ्तार भी हादसों का प्रमुख कारण है। बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यातायात निदेशालय उत्तर प्रदेश ने गाइडलाइन जारी की है।

ट्रैफिक पुलिस ने तैयार की कार्ययोजना

डीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि कोहरे के दौरान बढ़ते सड़क हादसों को कम करने के लिए मुख्य मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट पर बैरियल लगवाए जा रहे हैं। बैरियर पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे। जिससे सामने से आ रहे वाहनों की लाइट पड़ते ही रिफ्लेक्टर चमकने लगे। इसके साथ ही सड़क पर चलने वाले प्रत्येक वाहन चालक को गाड़ी में आगे पर पीछे कोहरे के दौरान रिफ्लेक्टर का लगा कर रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोहरे के कारण जहां बीते सालों अधिक हादसे हुए हैं जैसे छठा मिल, आइआइएम रोड, बनी मोड़, दुबग्गा बाईपास, कमता, शहीदपथ, उतरेटिया समेत कई अन्य स्थान हैं जहां विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 

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