उत्तर प्रदेश में होगी स्ट्रॉबेरी की खेती
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने झांसी ऑर्गेनिक संस्था और झांसी जिला प्रशासन के माध्यम से जनपद में आयोजित एक माह के स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल का वर्चुअल शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में खेती के दृष्टिगत अनेक संभावनाएं हैं । इन संभावनाओं को तराश कर झांसी ऑर्गेनिक संस्था और स्थानीय किसानों ने झांसी जनपद में स्ट्रॉबेरी की खेती की है, जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है। मुख्यमंत्री जी ने कहा बुंदेलखंड के लोग अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, परिश्रम और पुरुषार्थ से देश की सीमा से लेकर खेत खलियान तक काम कर रहे हैं। यहां के व्यक्तियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। मंच न मिल पाने के कारण यहां के लोग पलायन करते थे। स्ट्रॉबेरी की खेती यहां के किसानों को नया मंच प्रदान करने के साथ-साथ उनकी आय दुगनी करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
लॉकडाउन के दौरान किसानों ने अपने पुरुषार्थ और परिश्रम एवं सरकार के सहयोग से विषम परिस्थितियों में भी देश को खाद्यान्न उपलब्ध कराया। बुंदेलखंड के किसान अपने परिश्रम से धरती मां से सोना निकालकर जहां चाह वहां राह का संदेश दे रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने सुल्तानपुर और बाराबंकी के प्रगतिशील किसानों का उदाहरण देते हुए खेती की नई तकनीक और विधा अपना कर अपनी आमदनी को दुगनी करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा सरकार विभिन्न प्रकार के अनुदान देकर किसानों को बीज से लेकर बाजार तक की सारी सुविधा उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री जी ने कहा यह महोत्सव किसी चमत्कार से कम नहीं है। देश के अन्य जनपद भी इसी तरह आगे आकर एक जनपद एक उत्पाद नहीं बल्कि एक जनपद दस उत्पाद के रूप में पहचान बनाने का काम करें।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री ने संबोधित करते हुए कहा यह आयोजन बुंदेलखंड क्षेत्र में खेती की दृष्टि से असीम संभावनाएं लेकर आया है, जो निश्चित रूप से प्रशंसनीय है। देश, प्रदेश व स्थानीय बाजार में स्ट्रॉबेरी उपलब्ध हो सके, इसके लिए यह प्रयास अनुकरणीय है। बुंदेलखंड क्षेत्र में कटिया गेहूं, हरा मटर जैसे उत्पाद चर्चित है, इसमें स्ट्रॉबेरी का जुड़ना यहाँ के किसानों को नया प्लेटफार्म प्रदान करेगी।
कृषि विश्वविद्यालयों में स्ट्रॉबेरी की खेती पर शोध करने का आह्वान किया, जिससे किसानों को स्थानीय स्तर पर ही स्ट्रॉबेरी का पौधा उपलब्ध हो सके। प्रदेश में 15000 खेत तालाब के माध्यम से वर्षा जल संचयन का कार्य किया जा रहा है। स्प्रिंकलर पर योजनांतर्गत 70000 रुपये की लागत के सापेक्ष 63000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। जिससे किसानों को वन ड्राप मोर क्राॅप, कम पानी में ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिले।
कृषि मंत्री ने किसान ट्रेन चलाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा इस ट्रेन के चलने से किसानों का उत्पाद सुगमता और सुरक्षा के साथ एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंच रहा है, जिससे उनको उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिल रहा है। प्रदेश, देश में फल उत्पादन की दृष्टि से दूसरे पायदान पर है। ऐसे अभिनव प्रयोग प्रदेश के अन्य जनपद करें तो वो दिन दूर नहीं जब हम पहले स्थान पर होंगे। स्ट्रॉबेरी महोत्सव के सफलता की कामना करते हुए इसके आयोजकों, जिला प्रशासन और किसानों को धन्यवाद ज्ञापित किया।