आलू शीतगृहों का संचालन सुचारू रूप से हो

 


उत्तर प्रदेश सरकार आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी तरह संवेदनशील है और इसको सरकार ने सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इस वर्ष अभी तक मौसम के अनुकूल रहने से प्रदेश में आलू की अधिक पैदावार होने की सम्भावना है। इस हेतु यह आवश्यक है कि आलू का समय से भण्डारण सुनिश्चित करने के लिए निजी शीतगृहों का संचालन सुचारू रूप से हो। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव उद्यान, ने सभी जिलाधिकारियों एवं जनपदीय लाइसेंसिंग अधिकारी(शीतगृह) को आवश्यक निर्देश जारी किये हैं। उन्होने कहा है कि वर्ष 2021 के लिए जनपद में सभी चालू शीतगृहों का लाइसेंस समय से नवीनिकृत कर दिया जाए। कोई भी शीतगृह बिना लाइसेंस नवीनीकरण के न चलने पाये।  जो शीतगृह किन्ही कारणोंवश बन्द है, उन्हें आगामी भण्डारण स़त्र हेतु चालू करने के लिए आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता पर सुनिश्चित कर ली जाए, जिससे शीतगृहों में आलू भण्डारण के समय लगने वाली लम्बी कतारें एवं सड़क जाम की समस्या न होने पाये।  उन्होंने कहा कि शीतगृहों की भण्डारण क्षमता के सापेक्ष बुकिंग समय से प्रारंभ की जाए। इस व्यवस्था के अंतर्गत भण्डारण क्षमता के 85 प्रतिशत बुकिंग होने पर इसका प्रचार-प्रसार भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादकों की समस्या के निराकरण हेतु आलू किसान अधिकार पत्र जारी किये गये है उन्होने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक शीतगृहों के मुख्य द्वार पर नोटिसबोर्ड लगाये जायें।

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि आलू भण्डारण के पूर्व जनपद के प्रत्येक शीतगृह में वर्ष 2021 के लिए किये गये भण्डारण प्रभार की सूचना अवश्य प्राप्त की जाए। शीतगृह के मुख्य प्रवेश द्वार एवं सूचना पट पर भण्डारण प्रभार की दर अंकित की जाए। उन्होंने कहा कि शीतगृह में भंडारित होने वाले कृषि उत्पाद का कृषि उत्पादन मण्डी समिति की निर्धारित दरों के अनुसार अप्रैल माह में स्टाक का बीमा भी अवश्य करा लिया जाए।
अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये हैं कि शीतगृहों के नवीनीकरण तथा आलू उत्पादकों के समक्ष आने वाली कठिनाईयों को दृष्टिगत रखतेे हुए अभी से प्रभावी रणनीति तैयार कर ली जाए, जिससे आलू भण्डारणकर्ताओं को शीतगृह में कोई असुविधा न हो। आलू उत्पादकों के हित में जारी किये गये दिशा निर्देशों में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।

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