लखनऊ में ज्यादा बार‍िश होने पर में जमीन फटने व धंसने का अंदेशा


लखनऊ में अंधाधुंध भूजल दोहन से स्‍थ‍ित‍ि व‍िस्‍फोटक, ज़्यादा  बार‍िश होने पर  में जमीन फटने व धंसने का अंदेशा, लखनऊ सहित सूबे के सभी प्रमुख शहरों में भूजल के बेलगाम दोहन से खनन जैसे गंभीर हालात पैदा हो गए हैं। स्थिति इतनी भयावह है कि 15 वर्षों के दौरान शहर के 42 फीसद क्षेत्रफल में भूजल स्तर 25 मीटर से अधिक गहराई तक पहुंच गया है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार इस हद तक किया जाने वाला दोहन भूजल खनन के दायरे में माना जाएगा। वजह यह है कि भूजल भंडारों के उस हिस्से से अब दोहन किया जा रहा है, जो भविष्य निधि के रूप में सुरक्षित था और जिसका बारिश से रिचार्ज होना असंभव है।

अधिक  बारिश होने  पर जमीन धंसने का खतरा

केंद्रीय भूजल बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक बीबी त्रिवेदी के अनुसार लखनऊ में किए गए एक अध्ययन में बेहद चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। इसके मुताबिक अंधाधुंध दोहन से भूजल स्ट्रेटा के सूखने के साथ उनका लचीलापन खत्म हो गया है। मिट्टी की तहें कठोर होने से भविष्य में भारी वर्षा की स्थिति में जमीन फटने व धंसने का अंदेशा पैदा हो गया है। क्लीन ग्रीन एन्वायरमेंट सोसाइटी के ताजा प्रकाशन में 'लखनऊ शहर में भूजल दोहन का परिदृश्य' विषयक लेख में कहा गया है कि भूजल दोहन पर कोई नियंत्रण न होने से जनपद में हालात विस्फोटक हो रहे हैं।

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