भारत में दुर्लभ चीटी वंश की दो नई प्रजातियों की खोज


भारत में दुर्लभ चीटी वंश की दो नई प्रजातियों की खोज की गई है। केरल और तमिलनाडु में पाई गई चीटी वंश उकेरिया की प्रजातियां इस दुलर्भ वंश की विविधता को बढ़ाती हैं। वे एंटेनल खंडों की संख्‍या के आधार पर समान वंश से विभिन्‍न हैं।

उनमें से एक केरल के पेरियार बाघ अभ्‍यारण में पाई गई जिसका नाम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्‍वायतशासी संस्‍थान जवाहर लाल नेहरू एडवांस्‍ड साइंटिफिक रिसर्च सेंटर (जेएनसीएएसआर) के एक प्रख्‍यात विकासमूलक जीवविज्ञानी प्रोफेसर अमिताभ जोशी के सम्‍मान में उकेरिया जोशी रखा गया है।

नई प्रजातियों का नाम पारंपरिक रूप से कुछ विशिष्‍ट गुण या स्‍थान पर रखा जाता है लेकिन अक्‍सर जीव विज्ञान, विशेष रूप से विकासमूलक और ओर्गेनिस्‍मल जीव विज्ञान, इकोलॉजी या सिस्‍टेमैटिक्‍स के क्षेत्रों में उनके अनुसंधान योगदानों के सम्‍मान के एक माध्‍यम के रूप में वैज्ञानिकों के नाम पर रखा जाता है।

दो नई प्रजातियों में, पहली इस दुर्लभ वंश के बीच दस-सखंडित एंटिना के साथ देखी गई थी और इनकी खोज पटियाला के पंजाबी विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर हिमेन्‍दर भारती के नेतृत्‍व में एक टीम द्वारा की गई थी। इस खोज को जूकीज जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

इस वंश का वर्तमान में प्रतिनिधित्‍व 14 प्रजातियों द्वारा किया जाता है, जिनमें से आठ के पास नौ सखंडित एंटिना होते हैं जबकि पांच के पास 11 सखंडित एंटिना और हाल ही में एक प्रजाति आठ सखंडित एंटिना के साथ रिपोर्ट की गई है। भारत में अभी तक इस वंश का प्रतिनिधित्‍व क्रमश: नौ और ग्‍यारह सखंडित एंटिना के साथ दो प्रजातियों द्वारा की गई है।

दस सखंडित एंटिना के साथ हाल ही में खोज की गई चीटी प्रजातियां एक पुरानी वंशावली को स्‍थापित करती हैं जिनमें एक ऐसी प्रजाति है जो चीटी उपपरिवार के बीच एकमात्र मॉडल जीव के रूप में उभरती है। 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा