कृषक अपनी अनुपजाऊ व बंजर भूमि पर लगवा सकता है 0.5 से 2.0 मेगावाट क्षमता तक का सोलर पावर प्लांट
प्रदेश सरकार किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान अभियान योजना (पीएम कुसुम) को तीन प्रारूपों में संचालित कर रही है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे।
निदेशक नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुसुम कंपोनेंट-ए के तहत कृषकों द्वारा अपनी अनुपजाऊ व बंजर भूमि पर स्वयं या फिर विकासकर्ता के माध्यम से 0.5 मेगावॉट से लेकर 2.0 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना कराई जा सकती है। इस सौर पावर प्लांट से उत्पादित विद्युत को राज्य विद्युत वितरण कंपनी द्वारा क्रय भी किया जाएगा। इस योजना के प्रथम चरण में 75 मेगावाट क्षमता के सोलर संयंत्र को स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है और इस लक्ष्य के सापेक्ष बिड आमंत्रण की कार्यवाही गतिमान है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 150 मेगावाट निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा सब स्टेशन चिन्हांकन की कार्रवाई गतिमान है।
इसी प्रकार पीएम कुसुम योजना कंपोनेंट-बी के क्रियान्वयन हेतु शासन द्वारा कृषि विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। कृषि विभाग के सहयोग से अनुदान पर विभिन्न क्षमताओं के अब तक कुल 29652 अदद ऑफ ग्रिड मोड में स्टेंड एलोन सोलर सिंचाई पंप की स्थापना कराई गई। एमएनआरई, भारत सरकार द्वारा निर्धारित 8000 सोलर पंपों की स्थापना के लक्ष्य के सापेक्ष कृषि विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
योजनांतर्गत इसी प्रकार कुसुम कंपोनेंट-सी के तहत निजी ग्रिड संयोजित नलकूपों का सौर ऊर्जीकरण करते हुए नेट मीटरिंग के माध्यम से अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पादन का लाभ देकर कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकेगी। कृषक सिंचाई के पश्चात अतिरिक्त उत्पादित विद्युत का विक्रय भी राज्य की विद्युत वितरण कंपनी को कर सकेंगे। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2022 तक 20,000 निजी नलकूपों का सौर ऊर्जीकरण किया जाना लक्षित है। योजना का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड एवं ऊर्जा विभाग द्वारा किया जा रहा।