“अनेकता में एकता“ और एकता में शक्ति, 10,000 नये फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशनस् का होगा गठन एवं संवर्धन


कृषि क्षेत्र का अर्थिक विकास और राष्ट् विकास दोनों में ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। विश्व स्तर पर भारत कृषि में विकास में सबसे आगे हैं। हमारा उद्देश्य निर्यात को 2022 तक दोगुना करना है। हालांकि देश में 86 प्रतिशत से ज्यादा किसान छोटे और सीमांत है। समय की माॅग है कि किसानो को बेहतर तकनीकए ऋण की सुविधाए बेहतर आगत और ज्यादा बजारों तक पहुॅचने का अभिगम हो ताकि वे बेहतर गुणवक्ता के उत्पाद पैदा करने के लिए प्रेरित हों। इसके लिए छोटेए सीमांत एवं भूमिहीन किसानों को एफपीओ में एकजुट करके उनकी आर्थिक शक्ति और बाजारों तक पहुचने की सुगमता को बढ़ावा देकरए उनकी आय में बढ़ोतरी की जा सकती है। इस तथ्य को ध्यान मे रखते हुएए भारत सरकार ने श्10ए000 नये फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन ;एफपीओद्ध के गठन एवं संवर्धनश् नाम से एक केन्द्रीय क्षेत्रक योजना प्रक्षेपित की हैए जिसकी स्पष्ट रणनीति है कि प्रतिबध्द संसाधनों के साथ रूण् 6865 करोड़ के बजटीय प्रवधान मे 10ए000 नये एफपीओ का गठन एवं संवर्धन किया जाएगा।

एफपीओ का विकास श्उत्पाद कल्स्टरोंश् में किया जाना हैए जहा कृषि और बगवानी के उत्पाद उगाए जाते हैए जिससे कि सदस्य किसानों को पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं और बेहतर बाजारों की सुविधा का फायदा मिल सके। श्एक जनपदए एक उत्पादश् की रणनीति से विशेषज्ञता को बढ़ावा देकर और बेहतर प्रसंस्करणए विपणनए ब्रांडिंग एवं निर्यात को प्रोत्साहित करना है।

इस केन्द्रीय क्षेत्रक योजना के अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त आर्थिक सहयोग से एफपीओ का संगठन एवं संवर्धन कार्यान्वयन एजेंसियो ;प्उचसमउमदजपदह ।हमदबपमेए प्।द्ध द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में 09 कार्यान्वयन एजेसिंया इस कार्य हेतु चुनी गई हैए आर्थात लघु कृषक कृषि व्यापार संघ ;ैथ्।ब्द्धए राष्ट्ीय सहकारिता विकास निगम ;छब्क्ब्द्धए राष्ट्ीय कृषि सहकारी विपणन संघ ;छ।थ्म्क्द्ध नार्थ इस्टर्न रिजनल अग्रीकल्चरल मार्केटिंग कारपोरेशन लि0 ;छम्त्।ड।ब्द्ध तमिलनाडु लघु कृषक कृषि व्यापार संघ ;ज्छ.ैथ्।ब्द्ध लघु कृषक कृषि व्यापार संघ हरियाणा ;ैथ्।ब्भ्द्ध जल ग्रहण विकास विभाग कर्नाटक और फाउन्डेशन फार डवलेपमेंट आफ रूरल वैल्यू चेंन ;थ्क्त्टब्द्ध.ण् ग्रामीण विकास मंत्रालय।

कार्यान्वयन एजेंसियाए कल्स्टर आधारित व्यापार संगठनो के माध्यम से हर कृषक उत्पादक संगठन का गठनए पंजीकरण और पेशेवर रूप से

सहयोग पाच साल तक देगी। कल्स्टर आधारित व्यापार संगठनो का चुनाव और संलग्न कार्यान्वयन एजेसिंयों ने कर लिया है। कल्स्टर आधारित व्यापार संगठनए कृषक उत्पादक संगठन से संबधित हर मामले का शुरूआत से अंत तक देख रेख करेगे।

वर्ष 2020.21 के दौरान कुल 22 हजार एफपीओ के गठन का लक्ष्य किया गया है जिसमे से 100 एफपीओ जैविक उत्पादो और 100 एफपीओ तिलहन उत्पादन के लिए निर्धारित है। 115 आकांक्षी जनपदो मे 369 एफपीओ के गठन का लक्ष्य रखा गया है।

एफपीओ का गठन एवं संवर्धन आत्मनिर्भर कृषि की ओर हमारा पहला कदम होगा। जिससे हमारा कम लागत पर अधिक उत्पादन और अधिक आय प्राप्त करने का लक्ष्य पूरा होगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मे सुधार और ग्रामीण युवाओ के लिए रोजगार के नये अवसर सुलभ होगे।

कृषि मे आत्मनिर्भरता आज के समय मे बहुचर्चित शब्द है जिससे कृषि मे रूपान्तरण एवं टिकाऊ उद्यम एफपीओ के रूप मे बढ़ सके और भारत के किसान वैश्विक रूप से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सके।   

  

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