लखनऊ की हवा में नहीं घुलेगी मृत पशुओं की दुर्गंध

 तैयार हुआ कारकस यूटिलाइजेशन प्लांट

लखनऊ , अगले महीने नवाबी शहर को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। अब शहर में मरने वाले पशुओं को निस्तारण करने का सिरदर्द नहीं रहेगा। मृत पशुओं की दुर्गंध भी नहीं लगेगी तो उनका गोश्त और हड्डी भी उपयोगी हो जाएगी।एक बार मशीन में पशु का शव गया तो सब कुछ अलग-अलग हो जाएगा और उसे मुर्गी ,मछली का दाना बनेगा तो वसा तक उपयोग विभिन्न वस्तुओं में उपयोग हो सकेगा।

लंबे इंतजार के बाद मोहान रोड शिवरी में कारकस यूटिलाइजेशन प्लांट तैयार हो गया है। नगर निगम अब प्लांट का संचालन कराने के लिए ग्लोबल टेंडर करने जा रहा है। उम्मीद है कि टेंडर प्रक्रिया मार्च तक पूरी हो जाएगी और अप्रैल से प्लांट काम करने लगेगा।

रोज  मरते हैं कुत्ते-बिल्ली

नगर निगम सीमा में हर दिन सौ से अधिक कुत्ते व बिल्ली मरते हैं, जिसका सुरक्षित तरह से निस्तारण करने का कोई इंतजाम नहीं है। नगर निगम के जल्लाद (सफाई कर्मी) शिकायत मिलने पर मरे कुत्ते व बिल्ली को उठा तो लाते हैं लेकिन उसे किसी नाले या फिर सड़क किनारे किसी जंगल में फेंक देते हैं। ऐसे में कुछ दिन बाद सडऩे के बाद मृत पशुओं की दुर्गंध आने-जाने वालों की नॉक में पहुंचकर मूड खराब कर देता है। इसी तरह बड़े साइज के मृत पशुओं को ले जाने का जिम्मा ठेकेदार का होता है, जो खाल व हड्डी निकालकर खुले में अवशेष छोड़ देता है। ऐसे में आसपास के इलाकों में दुर्गंध होने लगती है।

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