181वर्ष की उम्र में मौत का इंतजार


इस दौर में इंसान मुश्किल से 60-70 की उम्र तक जी पाता है। 70-80 की उम्र के बाद हर कोई बूजुर्ग अपनी मौत का इंतजार करता देखा जा सकता है और अपने आखिरी पलों के बारे में सोचने लगता है। लेकिन यहां तो वाकया ही उलट है।

इस दौर में इंसान मुश्किल से 60-70 की उम्र तक जी पाता है। 70-80 की उम्र के बाद हर कोई बूजुर्ग अपनी मौत का इंतजार करता देखा जा सकता है और अपने आखिरी पलों के बारे में सोचने लगता है। लेकिन यहां तो वाकया ही उलट है। 

हम आपकों बता रहे है ऐसे इंसान के बारे में जो पिछले 181 साल से जीवित है और अपनी मौत का इंतजार कर रहा है। 


जी हां वाराणसी में रहने वाले महाष्टा मुरासी नाम का यह शख्स पिछले कई सालों से मौत का इंतजार कर रहे है। मुरासी कहते है कि मौत मेरे घर का रास्ता भूल गई है। में मौत का इंतजार कर रहा हुं लेकिन वो आने का नाम ही नही ले रही। 


मुरासी बताते हैं कि उनका जन्म जनवरी 1835 में बेंगलुरु में हुआ था। सन 1903 में मुरासी वाराणसी रहने आ गए और तभी से वे वाराणसी में रह रहे हैं।

उन्होंने 122 साल तक की उम्र तक एक मोची का काम किया। इस काम से मुरासी 1957 में रिटायर हुए। इनकी उम्र को देखते हुए लोग इन्हें दैवीय शक्ति बताते हैं।

महाष्टा मुरासी कई बार अधिकारियों को अपने जन्म प्रमाण पत्र और पहचान पत्र भी दिखा चुके हैं। कई बार उनका मेडिकल टेस्ट भी किया जा चुका है लेकिन उनकी वास्तविक उम्र को लेकर डॉक्टर अभी भी आशांकित हैं। डॉक्टर्स मुरासी को कुदरत का करिश्मा ही मान रहे है।

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