नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है। ऐसी रोजगार परक शिक्षा पर फोकस किया गया है जिससे बच्चे पढ़ते पढ़ते रोजगार पा सकें। बच्चों में प्रारंभ से ही नैतिकता का विकास किया जाना जरूरी है और इसमें परिवार और स्कूल का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने यह विचार आज यहां द सेट्रम क्लब, सुशांत गोल्फ सिटी में जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल की स्थापना के 10 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में रोजगार परक शिक्षा, शोध, प्रोफेशनल कोर्सेज, टीचर्स के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया गया है। इस अवसर पर डॉ शर्मा ने देश और दुनिया की सामाजिक समस्याओं पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने इस अवसर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में निजी स्कूलों के महत्व एवं भूमिका के विषय पर भी विचार व्यक्त किए।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में बिल्डिंग से ज्यादा शिक्षक की गुणवत्ता को अहमियत देनी होगी यदि एक शिक्षक की गुणवत्ता में कमी होगी तो हजारों विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा। इसके साथ ही शिक्षकों को नियमित रूप से प्रशिक्षण भी दिलाये जाने की आवश्यकता है। शिक्षक में अनवरत सीखने की ललक होनी चाहिए।
     उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में तेजी से आधारभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। प्रदेश में तेजी से युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व के कई बड़े विश्वविद्यालय प्रदेश में अपने संस्थान खोलने की योजना बना रहे हैं। दुनिया के बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में संस्कृत पर शोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां पहले माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाएं महीनों तक चलती थीं वहीं आज हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा 12 दिनों में जबकी इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा 15 दिनों में संपादित कराई जा रही हैं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जी.डी. गोयंका एक ऐसे स्कूल के रूप में जाना जाता है जहां छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रदान करने के साथ अपने देश की संस्कृति से भी जोड़ कर रखा है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष पूरे विश्व में अपनी संस्कृति और शिक्षा के लिए जाना जाता है।

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