संघर्ष जीवन का सबसे बड़ा वरदान!


                                                     डाॅ. जगदीश गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं 

                                                 संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ


(1) बिना संघर्ष के सफलता कभी नहीं मिलती:- 

जब तक जीवन है, तब तक संघर्ष है। प्रत्येक दिन कोई न कोई चुनौती, कोई न कोई संघर्ष जीवन में आते ही रहते हैं तो फिर इनसे घबराना कैसा? दुनियाँ में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है, जिसके जीवन में चुनौतियां, संघर्ष, दुःख, कठिनाई और रूकावटे न आयी हांे। कोई परीक्षा में पास होने के लिए संघर्ष कर रहा है, तो कोई परीक्षा पास करने के बाद आगे जीवन में आनेे वाली कठिनाइयों एवं चुनौतियों से पार पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन जिंदगी में एक बात जरूर याद रखनी चाहिए कि बिना संघर्ष के किसी को सफलता कभी नहीं मिलती। 

(2) संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है:-

परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना, मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है। संघर्ष इंसान को मजबूत बनाता है, फिर चाहे वो कितना भी कमजोर क्यों न हो। वास्तव में संघर्ष और जीवन एक दूसरे के पर्याय हैं। भगवान श्रीराम राजा के पुत्र थे, लेकिन उन्होंने चैदह साल वनवास में संघर्षपूर्ण जीवन व्यतीत किया और आज हम उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के नाम से जानते हैं। यह उनके जीवन का संघर्ष ही था जिसने उन्हें पुरूषोत्तम बना दिया। इसी प्रकार भगवान गौतम बुद्ध भी राजा के लड़के थे, किंतु जीवन के वास्तविक व अंतिम सत्य को जानने के लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा। इसी प्रकार दुनियाँ में जितने भी महान पुरूष हुए, उन्होंने किसी न किसी तरह के संघर्ष का सामना जरूर किया। 

(3) संघर्ष जितना बड़ा होगा सफलता भी उतनी ही महान होगी:-

दरअसल हर इंसान के जीवन में संघर्ष होता है। केवल उसके रूप अलग-अलग होते हैं। इसलिए हमें संघर्षों से घबराना नहीं चाहिए। संघर्ष तो वह आभूषण है, जो व्यक्ति को आंतरिक रूप से सुंदर और शक्तिशाली बनाता है। वास्तव में जब तक जीवन है तब तक संघर्ष भी है। इसलिए हमें संघर्ष से भागना नहीं चाहिए बल्कि इसका डटकर मुकाबला करना चाहिए क्योंकि संघर्ष जितना बड़ा होगा सफलता भी उतनी ही महान होगी। इसलिए सफलता न मिले तो परेशान न हो। हिम्मत मत हारो, बल्कि पहले से दुगनी ताकत के साथ अगली कोशिश के लिए तैयार हो जाओ। अगर तुमने ऐसा किया तो सफलता एक न एक दिन अवश्य मिल ही जायेगी। 

(4) संघर्ष के दिनों में हमें अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए:-

किसी ने सही ही कहा है कि संघर्ष की राह में आई कठिनाइयां व्यक्तित्व को और निखारती है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। जिस प्रकार से छाता बारिश तो नहीं रोक सकता। लेकिन बारिश में चलते रहने का हौंसला देने के साथ मंजिल तक पहुंचने में मदद करता है। ठीक उसी तरह आत्म विश्वास सफलता की गारण्टी तो नहीं देता, परन्तु सफलता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा अवश्य देता है। जीवन में कठिनाइयां तो आती ही हैं, लेकिन यदि हमारा इरादा पक्का हो और समर्पण के साथ मेहनत की जाए तो कामयाबी कदम चूमती जरूर है।

(5) संघर्ष की चाबी जीवन के सभी बंद दरवाजे खोल देती है:-

संघर्ष जीवन को निखारते हैं, संवारते व तराशते हैं और गढ़कर ऐसा बना देते हैं, जो कि दुनियाँ के लिए एक मिसाल बन जाती है। किसी ने सही ही कहा है कि संघर्ष की चाबी जीवन के सभी बंद दरवाजे खोल देती है और आगे बढ़ने के नए रास्ते भी प्रशस्त करती है। इस दौरान व्यक्ति के अंदर का हौसला उसे हारने नहीं देता और संघर्ष की लगन लगातार बनाए रखता है। इस तरह संघर्ष की तपन मनुष्य के जीवन को चमकाती है। इस प्रकार संघर्ष का दामन पकड़कर ही हम सफलता के द्वार को खोलते हैं। वास्तव में संघर्ष हम सभी के जीवन का सबसे बड़ा वरदान है। वह हमें यह भी सिखाता है कि भले ही संसार दुःखों से भरा हुआ है, लेकिन उन दुःखों पर काबू पाने के तरीके भी यहाँ अनेकों है।

(6) प्रेरक प्रसंग, महान लोगों की जीवनी और मार्गदर्शक कहानियों का विशेष महत्व:- 

प्रेरक प्रसंग, महान लोगों की जीवनी और मार्गदर्शक कहानियों का हम सभी के जीवन में काफी अधिक महत्ःव होता है। इन्हें पढ़ने के बाद एक ओर जहां संघर्ष और चुनौतियों से सामना करने का उत्साह का संचार होता है, तो वहीं दूसरी ओर निराशा का भाव खत्म हो जाता है। इसीलिए महान लोगों का जीवन परिचय सदा हमारी शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न अंग रहा है। इसके कारण बचपन से ही हमारे बच्चों को एक ओर जहां जीवन में आने वाले संघर्षों एवं चुनौतियों के बारे में पता होता था, तो वहीं उनमें यह आत्मविश्वास भी पैदा हो जाता था कि संघर्ष के बाद सफलता मिलती अवश्य है। इसलिए स्कूल में शिक्षकों के साथ ही अभिभावकों को शुरू से ही बच्चों को प्रेरणादायक कहानियां सुनाने के साथ ही उन्हें इन कहानियों को पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। 

(7) प्रतिभा, सुविधा और संसाधनों के बीच नहीं पनपती:-

जीवन में अगर संघर्ष न हो, चुनौतियां न हों तो मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास नहीं हो पाता। प्रखर और प्रतिभाशाली बनने के लिए संघर्ष और चुनौतियों को हर कदम पर स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। वास्तव में प्रतिभा, सुविधा और संसाधनों के बीच नहीं पनपती, बल्कि अभावों के बीच व संघर्ष के मध्य पनपती है और अपना प्रभाव दिखाती है। किसी ने सही ही कहा है कि संघर्ष की तपिश जीवन को सुखाती नहीं, बल्कि उसे निखार देती है। यही कारण है कि आज देश में अभावों और अंधेरों के बीच भी सफलता प्राप्त करने वाले युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 

(8) संघर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका सामना करना है:-

गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि जीवन एक संघर्ष है, एक चुनौती है, परीक्षास्थल है, रणक्षेत्र है - इसका सामना करना होगा, परीक्षा देनी होगी, संघर्ष तब तक चलेगा जब तक साँस चलेगी, इसलिये संघर्ष से भागना नहीं स्थिर होकर उसका सामना करना। वास्तव जीवन में यदि किसी कारणवश असफलता मिल भी जाए, तो भी उत्साह व साहस से हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए। क्योंकि सफलता सिर्फ संयोग नहीं बल्कि यह हमारे दृष्टिकोण का परिणाम है। उत्साह सबसे बड़ी शक्ति है तथा निराशा सबसे बड़ी कमजोरी है।  

(9) कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती:-

हम सभी के जीवन में अगर सफलता मिलती है तो असफलता भी हमारे हिस्से में आती ही रहती है। लेकिन ऐसे में जीवन में मिलने वाली हर असफलता के बाद हमें स्वयं से पूछना चाहिए कि इस घटना से मैंने क्या सीखा? तभी हम अपने रास्ते की रूकावटों को सफलता की सीढ़ियों में बदल पाएँगे। वास्तव में असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो। क्या कमी रह गई, देखों और सुधार करो। क्योंकि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

-जय जगत्-


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