05 वर्षों में 100 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित


प्रदेश के उद्यान निदेशक डा0 आर0 के0 तोमर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा फलपट्टी क्षेत्र के बागवानों को गत वर्ष की भांति इस वर्ष 2021-22 में भी उक्त संचालित परियोजनाओं के अन्तर्गत 19000 कृषकों को प्रशिक्षण, 800 हेक्टेयर में नवीन क्षेत्र विस्तार, 353 हेक्टेयर में पुराने बागों का जीर्णोद्धार/कैनोपी प्रबंधन, 1.40 लाख हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर की स्थापना, 324 पैक हाउस, 270 मशीनीकरण, 174 पौध-रक्षा उपकरण, 210 हेक्टेयर आई0पी0एम0 एवं 107 कृषक गोष्ठी, 27 पौधशालाओं की स्थापना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि विभाग की राजकीय पौधशालाओं/प्रक्षेत्रों पर कुल 29.42 उच्च गुणवत्तायुक्त कलमी/बीजू पौध तैयार कराये जा रहे हैं। संचालित परियोजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा उक्त कार्यक्रमों के अन्तर्गत अनुमन्य अनुदान की सुविधा सुलभ है।

डा0 तोमर ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड भारत सरकार द्वारा देश में विभिन्न फलों के अन्तर्गत 13 क्लस्टर क्षेत्र घोषित किये गये, जिसमें लखनऊ क्षेत्र में उत्पादित दशहरी आम को क्लस्टर के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ जनपद में आम फलपट्टी क्षेत्र में 30000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल आच्छादित है, जहां आगामी 05 वर्षों में 100 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है।
डा0 तोमर ने बताया कि प्रदेश में इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 894 हेक्टेयर में नवीन क्षेत्र विस्तार, 260 हेक्टेयर में पुराने बागों का जीर्णोद्धार/कैनोपी प्रबंधन, बागवानी फसलों में 35751 हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर की स्थापना, 218 पैक हाउस, 255 हेक्टेयर आई0पी0एम0 के साथ-साथ 302 मशीनों एवं 111 पौध-रक्षा उपकरणों का वितरण कराया गया। उन्होंने बताया कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं कृषकों को नवीनतम तकनीकी को जानकारी उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से 18137 कृषकों को प्रशिक्षण एवं 85 कृषक गोष्ठियों का आयोजन कराया गया। इसके साथ-साथ इन सभी जनपदों में बागों की नई पद्धति से सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर कराया गया। इन सभी जनपदों में बागों की नई पद्धति से सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग की राजकीय पौधशालाओं/प्रक्षेत्रों पर कुल 25.04 लाख उच्च गुणवत्तायुक्त कलमी/बीजू पौध तैयार कराते हुए इच्छुक कृषकों को विभागीय विक्रय दरों पर उपलब्ध कराई गई।
उद्यान निदेशक ने बताया कि प्रदेश में उगाये जाने वाले फलों में आम का अग्रणी स्थान है, जिसमें अद्वितीय स्वाद, मनमोहक खुशबू, आकर्षक रंग तथा आकार, क्षेत्रों एवं जलवायु के अनुकूल उत्पादन क्षमता, पोषक तत्वों की प्रचुरता रहती है। प्रदेश में आम उत्पादन के अन्तर्गत 2.79 लाख हेक्टे0 क्षेत्रफल आच्छादित है, जिसमें प्रति वर्ष 40-45 लाख टन उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि यह उत्पादन देश के कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में फलों के विकास हेतु आम, अमरूद और आंवला की 17 फलपट्टियां घोषित की गई हैं। इसमें आम की 15 फलपट्टी है जो कि 13 जनपदों यथा- सहारनपुर, मेरठ, बुलन्दशहर, अमरोहा, बागपत, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, प्रतापगढ़, वाराणसी में है। उन्होंने बताया कि आम के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा इन जनपदों में कई योजनायें संचालित की जा रही हैं। इसमें फलपट्टी विकास योजना, राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि शामिल है।

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