उत्तर प्रदेश में टोल प्लाज़ा संचालकों ने किया कारोड़ो का घोटाला, जाँच के आदेश
देवरिया 7.65 करोड़, गोरखपुर 12.51 करोड़, कुशीनगर 12.59 करोड़,
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के टोल प्लाजा (Toll Plaza) चलाने वाली कंपनियों ने बड़ा फर्जीवाड़ा किया है. करोड़ों रुपये का यह फर्जीवाड़ा यूपी के 29 जिलों में हुआ है. कंपनियों ने स्टाम्प डयूटी की चोरी कर यूपी सरकार (UP Government) को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है. यूपी विधानसभा (UP Vidhan Sabha) में सरकार ने यह जानकारी दी है. अब सरकार ने जांच के बाद कंपनियों से फर्जीवाड़े की रकम ब्याज के साथ वसूली शुरू कर दी है. कंपनियों को नोटिस जारी किए गए हैं. राजस्व अधिनियम के तहत रकम की वसूली की जा रही है. कंपनियों के खिलाफ 29 शहरों में करीब 70 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. 56 करोड़ की सबसे बड़ी चोरी अलीगढ़ में की गई है.
जानकारों की मानें तो एनएचएआई हाइवे तैयार कर उस पर टोल भी लगाती है. टोल की वसूली के लिए एनएचएआई दूसरी प्राइवेट कंपनियों को ठेका देती है. जब एनएचएआई प्राइवेट कंपनियों से करार करती है तो रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करने के लिए स्टाम्प भी लगाए जाते हैं. एग्रीमेंट के दौरान ही कंपनियों ने जितने की स्टाम्प डयूटी बनती थी, उतने स्टाम्प नहीं लगाए. इसका सीधा नुकसान यूपी सरकार को हुआ, क्योंकि सभी टोल प्लाजा यूपी के शहरों में थे.
अलीगढ़ में सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा
विधानसभा में रखी गई शहरों की सूची में अलीगढ़ टॉप पर है. यहां 56 करोड़ रुपये के स्टाम्प की चोरी की गई है. रायबरेली 1.31 करोड़, भदोही 1.46 करोड़, मुरादाबाद 25.54 करोड़, लखनऊ 18.63 करोड़, अयोध्य 42 करोड़, देवरिया 7.65 करोड़, गोरखपुर 12.51 करोड़, कुशीनगर 12.59 करोड़, हाथरस 4.99 करोड़, बहराइच 17 लाख, अम्बेडकर नगर 21 लाख, जालौन 9.44 करोड़, वाराणसी 6.79 करोड़, ललितपुर 77 लाख, कानपुर देहात 3.67 करोड़, बाराबंकी 87 लाख, अमरोहा 7.69 करोड़, आगरा 2.68 करोड़, हापुड़ 2.24 करोड़, फिरोजाबाद 10.26 करोड़, झांसी 10.76 करोड़, बस्ती 23 करोड़ और मेरठ में 25 करोड़ की चोरी की गई.