राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ ने अभिमुखी कार्यशाला का किया आयोजन

राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आज एक वर्चुअल अभिमुखी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय रहा तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (ToFEI) गाइडलाइन का जनपद स्तर पर अनुपालन कराते हुए उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जाना। 

आज के इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ अलोक कुमार (निदेशक पैरामेडिकल), राज्य नोडल अधिकारी डॉ सुनील पाण्डेय, राज्य सलाहकार श्री सतीश त्रिपाठी, श्री सूर्यप्रकाश पाठक (राज्य सलाहकार मानसिक स्वस्थ्य), द यूनियन से तकनिकी सलाहकार श्री प्रणय लाल एवं डॉ अमित यादव, सलाम बाम्बे के श्री दीपक पाटिल के द्वारा सभी जनपद स्तरीय अधिकारीयों का क्षमतावर्धन किया गया।
सर्वप्रथम श्री विवेक अवस्थी द्वारा उपस्थित सभी लोगो का स्वागत किया एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा का आभार व्यक्त करते हुए उनके कार्यक्रम में निरंतर सहयोग की सराहना की। आज के परिवेश में युवाओें में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग एवं उसके रोकने हेतु प्रयास पर जोर  दिया। 
श्री सतीश त्रिपाठी ने वताया कि अभी हाल ही में भारत सरकार द्वारा जारी Global Youth Tobacco Survey-2021 जारी किया गया, जिसके अनुसार 23 प्रतिशत लड़कों एवं 24 प्रतिशत लडकियों द्वारा किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग, 22 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा सार्वजानिक स्थानों पर परोक्ष धूम्रपान (Second hand smoke) किया जा रहा है। साथ ही साथ हम GATS-2 के रिपोर्ट को देखें तो 23.1प्रतिशत पुरुष, 3.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों का 13.5ः वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं। 42.6 प्रतिशत पुरुष, 15.2 प्रतिशत महिलाएं और सभी वयस्कों का 29.4ः वर्तमान में धूम्ररहित तंबाकू का प्रयोग करें।
द यूनियन के डॉ अमित यादव के द्वारा युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने एवं न्यू जनरेशन को तम्बाकू के जोखिम के कारकों से अवगत कराया साथ ही साथ समस्त जनपद में तम्बाकू नियंत्रण कानून कोटपा-2003 के समस्त धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन में हमें सहयोग करना है। सिगरेट एंड अदर टोबेको प्रोडक्ट (COTP।) अधिनियम 2003 विभिन्न धाराओं पर चर्चा की धारा 4 दृ सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल आदि के मालिकों को 60 सेमी Û 30 सेमी बोर्ड पर नो स्मोकिंग बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए। धारा 5- तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध। तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों को 60 सेमी Û 45 सेमी का बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए, जिसमें तम्बाकू के कारण कैंसर होते हैं। उल्लंघन करने पर 1000 रुपये से 5000 रुपये जुर्माना या 10-5 साल की कैद हो सकती है। धारा 6(क)  18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध। दुकानों को बोर्ड दिखाना चाहिए कि तंबाकू उत्पाद की बिक्री 18 वर्ष से कम है। धारा 6(ख) शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय है। उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कोटपा अमेंडमेंट और जे.जे. एक्ट पर भी चर्चा की।
डॉ सुनील पाण्डेय (राज्य नोडल अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण ) के अपने वक्तव्य में सभी उपस्थित लोगो का बहुत बहुत स्वागत एवं आभार व्यक्त किया एवं कहा कि तम्बाकू मुक्त शिक्षण संसथान में शिक्षा विभाग के सहयोग रीढ़ की हड्डी सवित होगा उन्होंने ळल्ज्ै के आंकड़े के अनुसार लडकियों में वढते तम्बाकू के उपयोग पर चर्चा की एवं उसे रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों के 100 ग़ज के दायरे में तम्बाकू की विक्री प्रतिवंधित है का अनुपालन किये जाने पर जोर दिया।
श्री प्रणय लाल जी (द यूनियन के तकनिकी सलाहकार) तम्बाकू इंडस्ट्री के हस्तक्षेप को कैसे रोका जाय इस पर चर्चा की एवं तम्बाकू इंडस्ट्री के लुभावने व् खोखले वादे व झूठे वातों न आने की सलाह दी । उन्होंने वताया कि केरला के तर्ज पर स्कूलों में वच्चों के द्वारा तम्बाकू निगरानी ग्रुप का गठन कर अपने शिक्षण संस्थानों में तम्बाकू केउपयोग पर रोक लगाये एवं ज्वथ्म्प् गाइडलाइन का अनुपालन कराते हुए 100 ग़ज के दायरे से तम्बाकू की दुकानों को पुलिस विभाग के सहयोग से हटवाये ।  
श्री दीपक पटेल ने ज्वथ्म्प् गाइडलाइन के अनुसार निन्न विन्दुओं का अनुपालन किया जाना है पर चर्चा की एवं उन विन्दुओं को विस्तार पूर्वक वताया 1- परिसर के अंदर श्धूम्रपान प्रतिवंधित श् या तंबाकू मुक्त क्षेत्रश् के संकेत का साइनेज प्रदर्शन, साइनेज में तंबाकू मॉनिटर / नोडल अधिकारी का विवरण 2- प्रवेश द्वार / चारदीवारी पर तंबाकू मुक्त शिक्षा संस्थानष् साइनेज का प्रदर्शन, साइनेज में तंबाकू मॉनिटर का विवरण 3- परिसर के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई सबूत नहीं है यानी सिगरेट / बीड़ी बट्स या छोड़े गए गुटखा / तंबाकू पाउच, थूकने वाले स्थान4- तंबाकू से होने वाले नुकसान पर पोस्टर या अन्य जागरूकता सामग्री को परिसर में प्रदर्शित किया गया। 5- पिछले 6 महीनों के दौरान कम से कम एक तंबाकू नियंत्रण गतिविधि का आयोजन करें 6- तंबाकू मॉनिटर नामित करें और बिंदु 1 और 2 . के संकेतों पर उनके विवरण का उल्लेख करें 7- आचार संहिता दिशानिर्देशों में तंबाकू का उपयोग नहीं, मानदंड को शामिल करना, चारदीवारी/बाड़ की बाहरी सीमा से 100 गज की दूरी पर निशान लगाना 9- 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं। उक्त विन्दुओ का अनुपालन करते हुए ये अपेक्षा की जाती है कि समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक स्वस्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए अपने दृ अपने जनपद के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करे।
श्री विकास श्रीवास्तव ( उप- निदेशक माध्यमिक शिक्षा ) ने उपस्थित सभी लोगो का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए वताया की उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक माध्यमिक विद्यालय एवं 25 हजार इण्टर कालेज है। साथ ही उन्होंने तम्बाकू कंपनियां कैसे वर्गलाती है ये जानकारीपूर्ण वक्तव्य को आई ओपन जैसे वताया। उन्होंने ज्वथ्म्प् गाइडलाइन के अनुपालन हेतु सभी जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया एवं तम्बाकू मुक्त शिक्षण संसथान में सहयोग के लिए कहा ।
कार्यक्रम में डॉ आलोक जी ने बताया कि तम्बाकू नियंत्रण में प्रदेश की प्रगति वेहतर है एवं डब्ल्यूएचओ द्वारा इसकी सराहना एवं पुरस्कार भी दिया गया जो आप सभी के वेहतर प्रयास का प्रतिफल है।

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