इफ़को ने शुरू की पशुओं के लिए एम्बुलेंस सेवा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पशुओं की चिकित्सा एवं बाँझपन निवारण के लिए आज सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोधोगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के पशुचिकित्सा महाविद्यालय में इफको द्वारा वित्तपोषित परियोजना “पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेयरी पशुओं में सचल पशु चिकित्सा सेवाए” के अंतर्गत एक पशु चिकित्सा एम्बुलेंस का उदघाटन श्री अभिमन्यु राज्य विपणन प्रबंधक एवं कृषि  विवि के कुलपति डा आर के मित्तल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर डीन वेटर्नरी डा राजवीर सिंह , डीन कृषि डा एन एस राना ,डीन पोस्ट हार्वेस्ट डा शमशेर सिंह ,राज्य विपणन प्रबंधक इफ़को shri अभिमन्यु राय Dr. R k Nayak मुख्य प्रबंधक कृषि सेवाएँ के साथ साथ विश्वविद्यालय के प्राध्यापक , विद्यार्थी और एवं इफ़को के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद थे । चिकित्सा एम्बुलेंस सेवा को शुरू करने के लिए कृषि विवि एवं इफको के मध्य एक समझोता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये गये थे जिसके अंतर्गत इफको द्वारा इस सेवा को शुरू करने के लिए २५ लाख ७५ हजार रुपये की सहायता प्रोजेक्ट के रूप में की गयी। इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा० अमित कुमार वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, वेटेरिनरी मेडिसिन ने बताया कि यह पशु चिकित्सा एम्बुलेंस अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग मशीन और प्राथमिक रोग निदान सुविधाओं से लैस है, जोकि पशुओं में बीमारियों की सही जांच और बेहतर उपचार में सहायक सिध्ह होगी। राज्य विपणन प्रबंधक इफ़को Lucknow ने बताया कि यह सचल vetarnary बैन पशुधन समवर्धन एवं कृषि विकास में मील का पत्थर साबित होगा । इस एम्बुलेंस से प्रदेश के किसानो  एवं पशु पालकों का लाभ होगा ।SMM ने इफ़को द्वारा कृषि विकास में इफ़को द्वारा कराए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी के साथ इफ़को के नैनो urea ,नैनो डीएपी एवम् इफ़को के अन्य उत्पादों के बारे में विस्तार से बताया ।

विश्व विद्यालय के कुलपति डा आर के मित्तल ने बताया कि  इफ़को सामान्य से संचालित इस एम्बुलेंस की सहायता से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न गावों में पत्येक शनिवार को पशु चिकित्सा कैंप लगाकर पशुपालकों एवं किसानों को पशुओं में बीमारी एवं बांझपन की चिकित्सा परामर्श पशुचिकित्सा महाविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की जायेगी। उन्होंने कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों एवं वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादन में भारत का स्थान प्रथम स्थान पर है। जो विज्ञान से संभव हुआ है। मनुष्य से लेकर जीव-जंतुओं के भी जीवन के हर पहलू में विज्ञान की छाप है। 


पशुचिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा राजबीर सिंह ने बताया कि इस एम्बुलेंस सेवा में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों जैसे कि मेडिसिन, सर्जरी, गाय्नेकोलोजी, परसितोलोजी, पैथोलॉजी इत्यादि के विशेषग्य मौजूद रहेंगे कि प्रदेश की आर्थिक समृद्धि सतरंगी कृषि के विकास पर ही निर्भर है। पशुचिकित्सक का समाज में बहुत बड़ा योगदान है। देश और समाज को और अधिक पशुचिकित्सक की ज़रुरत है। इस अवसर पर हालांकि सर्वव्यापी महामारी के दौरान यह बुरी तरह प्रभावित होता है जिसमे जूनोटिक बीमारियाँ एक मुख्य भूमिका निभाती है भारतीय नस्ल के पशु जैसे कि मुर्रा भैंस का देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रसार बढ़ रहा है। भारत के दो तिहाई ग्रामीण आबादी का पशुधन और पशुपालन पर निर्भरता है, वर्तमान में 20 मिलियन लोग पशुधन पर निर्भर है। इस एम्बुलेंस से प्रथम पशु चिकित्सा कैंप मेरठ के ग्राम समयपुर में पशुपालन विभाग के पशुचिकित्सा अधिकारी डा० अरुण कुमार सिंह के सहयोग से आयोजित किया गया 

इस कार्यक्रम का सञ्चालन परियोजना के मुख्य अन्वेषक डा अमित कुमार वर्मा ने किया और विवि के निदेशक शोध डा अनिल सिरोही ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।

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