बटाईदार का नही होगा धान विक्रय पंजीकरण
धान बिक्री करने के लिए किसान अनुबंधित खेती व बटाईदार के नाम पंजीयन नहीं करा सकेंगे। खतौनी में दर्ज नाम व आधार के नाम का मिलान होने पर ही धान बिक्री के लिए पोर्टल पर पंजीयन हो सकेगा। धान खरीद के दौरान बिचौलियों की सक्रियता से बचने के लिए शासन की ओर से यह फेरबदल किया गया है।
खरीफ विपणन वर्ष में धान बिक्री के दौरान किसानों को समस्या न हो, इसके निर्देश शासन की ओर से दिए जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी बिक्री के दौरान किसानों को केंद्रों पर तमाम अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है। प्रभारियों की मिलीभगत से केंद्रों पर बिचौलियों की सक्रियता रहती है, जिसे देखते हुए शासन की ओर से इस बार व्यवस्था में बदलाव किया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब बटाईदार व अनुबंधित खेती करने पर वाले धान किसान पंजीयन नहीं करा सकेंगे। वहीं खाते में आधार लिक की अनिवार्यता के कारण अब वास्तविक किसानों का ही पोर्टल पर पंजीयन हो सकेगा। पूर्व में बटाईदार व अनुबंधित खेती दर्शा कर बिचौलिये आसपड़ोस के किसान व रिश्तेदारों के नाम पर पोर्टल पर पंजीयन कर देते थे। इसके साथ ही बैंक खाता संख्या अपनी दर्ज करते थे, जिससे भुगतान उन्हें मिलता था। वहीं वास्तविक किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता था। केंद्र प्रभारियों की मिलीभगत के कारण वास्तविक किसान केंद्रों के चक्कर काटते रहते थे जबकि बिचौलिए फायदा उठाते थे।
खरीद के दौरान किसानों को समस्या न हो और पारदर्शिता लाने के लिए शासन की ओर से व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इससे बिचौलियों की सक्रियता कम हो जाएगी। केंद्रों पर भीड़ कम होने से वास्तविक किसानों को फायदा मिलेगा।