गोशाला बनेंगे पर्यटन केन्द्र

उत्तर प्रदेश  गोसेवा आयोग में प्रदेश के समस्त नगर निगमों के नगर आयुक्तों के साथ आज बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें आयोग के अध्यक्ष प्रोफ़ेशर श्याम नन्दन सिंह ने आह्वान किया कि नगर निगमों द्वारा संचालित गोशालाओं को जनसहभागिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जाय।

गो सेवा आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि गोशालाओं में जैविक खाद, गो काष्ठ, जैविक कीटनाशक, गोमय गमले, गोनाइल एवं अन्य उत्पादों से होने वाली प्रत्यक्ष आय में वृद्धि के साथ-साथ अप्रत्यक्ष/सहायक आय के स्रोतों पर विशेष बल दिया जाये। साथ ही नगर निगम द्वारा संचालित गोशालाओं को अधिक आकर्षक बनायें, जिससे कि वे पर्यटन केन्द्र की तरह विकसित हो सके। जिन नगर निगमों की गोशालाओं में अधिक भूमि है वे गोशाला का सौन्दर्यीकरण कर वहां क्षेत्र के लोगों को अपने बच्चों के जन्मदिन एवं यज्ञ, हवन आदि धार्मिक समारोहों हेतु जोड़ें। जिन गोशालाओं में तालाब उपलब्ध हो, उसका सौन्दर्यीकरण कर, उसमें पैडल बोट की व्यवस्था करें तथा क्षेत्र में स्कूली बच्चों को आमंत्रित करें। इससे गोशालाएं पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हो सकेंगी।
इस अवसर पर उपस्थित नगर निगम के अधिकारियों ने अपने नगर निगम द्वारा संचालित गोशालाओं में किये जा रहे कार्यकलापों से आयोग को अवगत कराया। आयोग में उपस्थित अधिकारियों डा0 शिवओम गंगवार, विशेष कार्याधिकारी, उ0प्र0 गोसेवा आयोग द्वारा पेट्रोलियम मंत्रालय की योजना "STAT"k~ के बारे में जानकारी दी, जिसके तहत देश में सी0बी0जी0 के 5000 बड़े प्लांट लगाये जाने हैं। सी0बी0जी0 को वाहनों में सी0एन0जी0 की जगह प्रयोग की जा सकती है। श्री राधेश्याम दीक्षित, समन्वयक राष्ट्रीय गो उत्पाद संघ ने भी अपने सुझाव रखे। इस आयोजन में आयोग के सचिव, डा0 वीरेन्द्र सिंह, विशेष कार्याधिकारी, डा0 नरजीत सिंह एवं डा0 मुकेश सिंह भी उपस्थित रहे।  

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