खेतों के पास बुनियादी ढांचे का विकास
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन सहित अन्य चुनौतियां है, जिनसे निपटने के लिए भारत सरकार गंभीरता के साथ अपनी भूमिका का निवर्हन कर रही है। मौसम के असंतुलन से कहीं सूखा है तो कहीं बाढ़, ऐसी विपरीत स्थितियों के मद्देनजर सरकार पूरी तरह गंभीर है। हमारे वैज्ञानिक बहुत शिद्दत के साथ समुचित बीज आदि को लेकर काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात आज भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के 16वें सतत विकास सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। श्री तोमर ने कहा कि पूरे देश में आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि कोविड संकट के दौर में भी भारत ने अपनी ओर से दूसरे देशों को हरसंभव सहयोग किया है। प्रधानमंत्री जी के आव्हान पर देश में वैक्सीनेशन का अभियान भी जोरों पर है और संतोष की बात है कि अभी तक 66 करोड़ डोज लग चुके हैं। कोविड संकट में भी भारत के किसानों ने कड़ी मेहनत की और अच्छी बुवाई की व बंपर उत्पादन हुआ है। भारत कृषि प्रधान देश है, कृषि क्षेत्र ने जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत अभी तक देश के 11 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में लगभग एक लाख सत्तावन हजार करोड़ रु. जमा कराए गए है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम प्रारंभ की है, जो फूड प्रोसेसिंग सहित अन्य उद्योगों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। छोटे व मझौले किसानों के लिए खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में सरकार के ठोस कदमों के तहत खेतों के पास बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। इस संबंध में एक लाख करोड़ रुपए का कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया है, जिसके जरिये प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जा रहे हैं। चार हजार करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स मंजूर हो चुके हैं। देश में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन केंद्र की नई योजना के अंतर्गत किया जाएगा, जिसका काम प्रारंभ हो चुका है, जिससे किसानों को काफी सहायता मिलेगी, बेहतर बाजार मिलेगा और उनकी आय बढ़ेगी। देश के लिए गर्व का विषय है कि कृषि निर्यात के मामले में दुनिया में टाप टेन में शामिल हुए है, हम इसे और बेहतर करना चाहते हैं। किसानों के फायदे के लिए कृषि क्षेत्र को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है। देश में सत्तर से अधिक किसान रेल के साथ ही उड़ान योजना के माध्यम से भी किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।
श्री तोमर ने कहा कि किसानों के उत्थान के लिए संकल्पित केंद्र सरकार कृषि सुधार कानून लाई है, जो कृषि के क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने वाले है। नए कृषि कानूनों से किसानों के लिए पूरा देश एक खुला बाजार होगा। इसके मद्देनजर निजी क्षेत्र भी अब आधुनिक कृषि व्यापार प्लेटफार्मों में निवेश कर सकता है, गोदामों-कोल्ड स्टोरेज जैसी फसल पश्चात सुविधाएं स्थापित कर सकता है। इससे किसानों के लिए कम शुल्क में बेहतर सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त होगा। यह कृषि क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इन सुधारों ने निवेश के पर्याप्त अवसर पैदा किए हैं और गैप्स कम करने की कोशिश की है। श्री तोमर ने कहा कि डेनमार्क से भारत के बहुत अच्छे संबंध है, प्रधानमंत्री की लगातार यह कोशिश रही है कि दोनों देश ज्ञान व तकनीक का एक-दूसरे के लिए उपयोग करें।
सम्मेलन को डेनमार्क की पर्यावरण मंत्री सुश्री ली वर्मेलिन तथा CII के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी व एडवायजरी काउंसिल (सतत विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र) के चेयरमैन श्री संजीव पुरी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम से अनेक उद्यमी वर्चुअल जुड़े थे।