पुलिस ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला

  गोरखपुर :  पुलिस की बर्बरता का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां कानपुर से घूमने आए मनीष गुप्ता (35) नाम के युवक को रामगढ़ ताल पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि आधी रात को होटल में चेकिंग करने पहुंची पुलिस से उसने पूछा कि यह चेकिंग का क्या तरीका है ? क्या हम लोग आतंकवादी हैं?

आरोप है इसके बाद इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह और फल मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा भड़क गए। दोनों ने होटल में रूम बंद करके मनीष को जमकर पीटा। मौके पर ही मनीष की दर्दनाक मौत हो गई। शुरू में पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। लेकिन मामला सुर्खियों में आने के बाद SSP डॉ. विपिन ताडा ने रामगढ़ताल इंस्पेक्टर जेएन सिंह, फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा और 4 सिपाहियों समेत कुल 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।

दोस्तों संग गोरखपुर आया था घूमने

दरअसल, गोरखपुर के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि वह बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे। चंदन के मुताबिक, सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं।

चंदन हमेशा अपने दोस्तों को गोरखपुर में हो रहे विकास के बारे में बताता रहता था। दोस्तों की काफी दिनों से प्लानिंग थी कि एक बार गोरखपुर घूमने जरूर आएंगे। लॉकडाउन की वजह से पहले आ नहीं सके। इस बीच तीनों की गोरखपुर घूमने की प्लानिंग बन गई। सोमवार को तीनों अपने दोस्त चंदन सैनी से मिलने और घूमने गोरखपुर पहुंचे।

रात 12.30 बजे चेकिंग करने पहुंची थी

चंदन ने दोस्तों को रामगढ़ ताल इलाके के एलआईसी बिल्डिंग के पास स्थित होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहराया था। आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12 बजकर 30 मिनट पर रामगढ़ ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दरोगा अक्षय मिश्रा के अलावा थाने की अन्य फोर्स साथ में थी। होटल के कमरे का दरवाजा नॉक कर खुलवाया। पुलिस के साथ होटल का रिसेप्शनिस्ट भी था। पुलिस वालों ने बोला कि चेकिंग हो रही है। सभी अपनी आईडी प्रूफ दिखाओ।

गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान(35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे।

गुरुग्राम से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान(35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर के होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे।

चेकिंग की बात पूछने पर बौखला गए पुलिस वाले

तीनों में हरदीप ने खुद की और साथी प्रदीप चौहान की आईडी दिखा दी। जबकि मनीष सो रहे थे। प्रदीप ने उन्हें आईडी दिखाने के लिए नींद से जगाया। इतने पर प्रदीप वहां मौजूद पुलिस वालों से बोल बैठा, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है। हम लोग क्या आतंकवादी हैं? सोते हुए इंसान को आप लोग उठाकर डिस्टर्ब कर रहे हैं। आरोप है कि इतने पर ही पुलिस वाले बौखला गए। पुलिस वालों ने शराब पी रखी थी।

इंस्पेक्टर जेएन सिंह और अक्षय मिश्रा ने इतनी सी बात पर उसे पीटना शुरू कर दिया। चंदन के मुताबिक, हम दोनों को पीटते हुए कमरे से बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए, वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए। जहां उसकी मौत हो गई।

माता- पिता का इकलौता बेटा था मनीष

पुलिस वाले दोबारा आए थे तो सभी ने अपनी नेम प्लेट भी हटा ली थी। चंदन सैनी ने बताया कि मृतक दोस्त कानपुर का रहने वाला है। घटना की सूचना उसके परिवार को दे दी गई है। परिवार के लोग गोरखपुर पहुंच रहे हैं। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। 5 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। परिवार में उसके बीमार पिता और पत्नी के अलावा उसका एक 4 साल का मासूम बेटा है। मां की कुछ दिनों पहले मृत्यु हो चुकी है।

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