50 प्रतिशत ऑक्सीजन उत्पादित करता है समुद्र

जौनपुर, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह भौतिकी अध्ययन संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में  समुद्र विज्ञान में अनुसंधान के अवसर विषयक  संगोष्ठी का आयोजन किया गया।  यह आयोजन भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग, आंतरिक गुणवत्ता एवं सुन्नचयन प्रकोष्ठ तथा अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। 

      संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था जीडीपी में समुद्र क्षेत्र का चार प्रतिशत योगदान है। उन्होंने बताया कि 50ः ऑक्सीजन समुद्र द्वारा उत्पादित होता है। उन्होंने ओसियन बायोलॉजिकल पंप पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वातावरण से ब्व्2 की मात्रा को कम करने में समुद्र का बड़ा योगदान है। समुद्र वातावरण की तुलना में 50 गुना ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं। मौसम परिवर्तन में समुन्द्र का बड़ा योगदान है। उन्होंने रामसेतु पर वैज्ञानिक द्वारा प्रारंभ किए जा रहे शोध पर भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा शीघ्र ही इसकी प्रकृति एवं उसके निर्माण की उम्र की प्रमाणिक वैज्ञानिक जानकारी  दी जाएगी।

       प्रो0 सिंह ने कहा कि परिवहन के लिए समुंद्र एक सरल और सस्ता माध्यम बना है। जिससे व्यापार में काफी सुगमता आई है। उन्होंने कहा कि समुद्र में पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों से औषधियों के निर्माण में काफी सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि समुंद्र विज्ञान में शोध की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, ज्योग्राफी, फिजिक्स के विद्यार्थी भी अपना भविष्य देख सकते हैं। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोधों पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि शोध का ही नतीजा रहा है कि समुंद्र के अंदर डूबे जहाजों को वैज्ञानिक खोज कर निकाल रहे हैं। इसके साथ ही समुद्र में मौजूद विभिन्न पदार्थों को निकालने के लिए भी बड़े स्तर पर शोध कार्य हो रहे हैं। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी विषय के विद्यार्थियों के लिए समुंद्र की जीनोम मैपिंग के अवसर पर भी चर्चा की। विषय प्रवर्तन विज्ञान संकाय की प्रोफ़ेसर वंदना राय में किया। 

   

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