उत्तर प्रदेश के रतौल को मिला भौगोलिक संकेत
उत्तर भारत के उत्कृष्ट आमों में से एक यह आम पश्चिमी यूपी में केवल सीमित लोगों के द्वारा जाना जाता है, लेकिन जिन्हें भी इसका स्वाद लेने का अवसर मिलता है, वे इसके स्वाद और सुगंध के प्रशंसक बन जाते हैं। पाकिस्तान में पहले ही इस किसको भारत से ले जाकर अनवर रतौल के रूप में उगाया जा रहा है और मध्य पूर्व के देशों में निर्यात भी किया जा रहा है। हालांकि इस किस्म की उत्पत्ति भारत में हुई थी, लेकिन इसके निर्यात बाजार पर हमारे पड़ोसी देश का मुख्यतः आधिपत्य है।
हालांकि उत्तर भारत के आम प्रेमियों को रतौल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है हेलो लेकिन दिल्ली में जीआई टैग के साथ विविधता के रूप में इसकी धनाढ्य वर्ग के लोगों के बीच में मांग बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं और टैग के कारण किसानों को बाजार में अतिरिक्त लाभ मिल सकता है। इस किस्म के निर्यात की उत्कृष्ट संभावनाएं हैं क्योंकि कई रतौल प्रेमी पाकिस्तान द्वारा निर्यात किए जाने वाले आमों पर आधारित हैं। दोनों देशों मैं इस आम के तैयार होने के सीजन में अंतर होने के कारण अधिक प्रतिद्वंदिता की संभावना नहीं है।
इस अवसर पर केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने चौसा एवं गौरजीत के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन जमा किए हैं| इन दो किस्मों के पंजीकरण में कुछ समय लगेगा और अगर यह संभव हो जाता है तो यूपी भी आम के पंजीकरण में पश्चिम बंगाल से आगे निकल जाएगा | पश्चिम बंगाल आम की किस्में जैसे फाजली, हिमसागर और लखन भोग पंजीकृत हो जाने के कारण आगे है|
बनारसी लंगड़ा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया जारी है, और निकट भविष्य में भारत के इस प्रसिद्ध आम को प्रमाण पत्र मिलने की संभावना है । बौद्धिक संपदा अधिकारों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश के आम की किस्में अति महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि ये किस्में पाकिस्तान में उत्तर प्रदेश के भीतर रहने वाले किसानों के रिश्तेदारों ले जाकर उत्पादित की जा रही हैं। पाकिस्तान कई देशों को इस किस्म का निर्यात भी करता है। इस प्रकार, जीआई संरक्षण मूल देश के कारण भारतीय उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे बाजार की स्थापना में मदद कर सकता है।
जीआई सर्टिफिकेशन से इस आम की मांग विदेशों के साथ-साथ घरेलू बाजार में भी बढ़ेगी फल स्वरूप इसका उत्पादन करने वाले किसानों को इसका फायदा मिलेगा।
शैलेंद्र राजननिदेशककेन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ 226101