सरकार लाएगी क्रिप्टो करैंसी पर विधेयक

 
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बनी NDA  की भारत सरकार संसद के 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो करेंसी पर विधेयक ला सकती है।  हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी खुद व्यक्तिगत तौर पर इसके पक्षधर नही हैं। लेकिन भारत की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के आगे मजबूरी में नतमस्तक हैं। फिर भी मोदी ने देश के युवाओं को क्रिप्टो करैंसी की ओर न जाने की, की है आपील उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार शेयरों के लिए सेबी बीमा के लिए आईआरडीए व  दूरसंचार के लिए ट्राई बैकों की निगरानी के लिए आरबीआई जैसी नियामक (रेगुलेटरी) बनीं हैं।  वैसे ही क्रिप्टो करेंसी की निगरानी के लिए भी नियामक संस्था बनाने की तत्काल जरुरत है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक RBI एवं भारत सरकार व वित्त मंत्रालय को अपने आदेश में नियामक बनाने की सख्त हिदायत दी है।  सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है- क्रिप्टो करेंसी को लेकर लगातार चिंता जताई जा रही हैं। इसका इस्तेमाल निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ आकर्षित करने और आतंक के वित्तपोषण के लिए किए जाने की आशंका है।

अभी देश में क्रिप्टो करेंसी को लेकर कोई विशेष नियमन नहीं हैं। न ही देश में इस पर प्रतिबंध ही लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को क्रिप्टो करेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इससे संकेत मिलता है कि सरकार इस मुद्दे से निपटने को सख्त नियामकीय कदम उठा सकती है। सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक निवेशक संरक्षण पर केंद्रित होगा क्योंकि क्रिप्टो करेंसी जटिल संपत्ति वर्ग में आती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार का इस विधेयक को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में पेश करने का इरादा है।

भारत सरकार की वित्तमंत्री  निर्मला सीतारमण ने अगस्त में कहा था कि उन्हें क्रिप्टो करेंसी विधेयक पर मंत्रिमंडल की मंजूरी की प्रतीक्षा है। सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों हाल के महीनों में क्रिप्टो करेंसी पर चिंता जता चुके हैं। विदित हो कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू होकर 23 दिसंबर* को संपन्न होगा।

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