26 दिसंबर से 5 जनवरी तक लगेगी स्टांप अदालत

स्टांप एवं पंजीयन विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा अदालत में लंबित स्टांप कमी के वादों के त्वरित निस्तारण तथा लंबित वादों के कारण राज्य सरकार को हो रहे राजस्व नुकसान की शीघ्र भरपाई एवं पक्षकारों की ब्याज देयता को कम करने के उद्देश्य से 10 दिवसीय स्टांप अदालत आयोजित की जा रही है। साथ ही आगामी माह से प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को स्टांप वादों का विशेष रूप से निस्तारण किया जाएगा। 

स्टांप आयुक्त डॉ रोशन जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों तथा समस्त सहायक स्टांप आयुक्तों को निर्देशित किया है कि भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की धारा-33, 47 ए (1) एवं 47 ए (3) के अंतर्गत न्यायालयों में लंबित स्टांप वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए 26 दिसंबर 2021 से 5 जनवरी 2022 तक 10 दिनों के लिए स्टांप अदालत लगाकर कमी वाले स्टांप मामलों का शीघ्र निस्तारण कराएं। साथ ही आगामी माह से प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को विशेष रूप से स्टांप संबंधी मामलों का निस्तारण करें।
इस संबंध में आयुक्त स्टांप द्वारा स्टांप आयुक्त न्यायालय से यह अपेक्षा रखी गई है कि वह स्टांप अदालत आयोजित होने के पूर्व ऐसे सभी वादों की सूची बना लें जिनमें पारस्परिक सहमति के आधार पर निर्णय किए जाने की संभावना हो। इनसे संबंधित वादकारियों तथा अधिवक्ताओं को समय पूर्व सूचना प्रेषित कर दी जाए। राजस्व अधिकारियों, प्राधिकरण, नगरीय निकायों एवं ग्राम सभाओं के जिला पंचायत राज अधिकारी के द्वारा बैनर इत्यादि प्रचार सामग्री का प्रयोग कर स्टांप अदालत का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय।
स्टांप आयुक्त ने यह भी बताया कि यदि कोई पक्षकार स्वेच्छा से स्टांप निबंधन शुल्क की कमी तथा ब्याज जमा करने को तैयार हो तो उस पर नाममात्र का अर्थदंड लगाया जाए। साथ ही स्टांप अदालत के माध्यम से निर्णीत कुल वादों तथा प्राप्त स्टांप निबंधन शुल्क की धनराशि से स्टांप आयुक्त को अवगत कराया जाय।

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