क्या है बूस्टर डोज ?
तीसरी डोज की जरूरत क्यों पड़ी?
दुनिया में जब कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ गई तो एक्सपर्ट्स ने वैक्सीन की तीसरी डोज दिए जाने की वकालत की. एक्सपर्ट्स के मुताबिक एंटीबॉडी को बूस्ट करने की जरूरत है. यही वजह है कि वैक्सीन की तीसरी डोज को बूस्टर डोज कहा गया.
कौन से कपंनी की लगेगी तीसरी डोज ?
बूस्टर डोज के तौर पर कौन सी वैक्सीन दी जाएगी. अभी यह साफ नहीं है. हालाकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड को बूस्टर के रूप में देने की अनुमति मांगी है. अभी यह साफ नहीं है कि कोवैक्सिन की दोनो डोज लेने वालों को तीसरे डोज के तौर पर कौन सी वैक्सीन दी जाएगी.
बच्चों को कौन सी वैक्सीन दी जाएगी ?
बच्चों को दो टीके दिए जाने की संभावना है, जिसमें जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक का कोवैक्सिन शामिल है. वहीं जायडस कैडिला को विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा दो साल से ऊपर के बच्चों के लिए अनुमति दी गई है. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 से 18 साल तक के बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के लिए आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी है।