वीडियो वैन के माध्यम प्रचार-प्रसार हेतु लेनी होगी मुख्य निर्वाचन अधिकारी से अनुमति


उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ0 ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 में कोविड प्रोटोकाल को दृष्टिगत रखते हुए राजनैतिक दलों द्वारा वीडियो वैन/डिजिटल वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु समस्त जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार हेतु मुख्य निर्वाचन अधिकारी उ0प्र0 से अनुमति प्राप्त करनी होगी। जनपद अथवा विधान सभा स्तर पर वीडियो वैन के माध्यम से प्रचार-प्रसार की अनुमति जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त की जा सकती है, इस स्थिति में नोडल अधिकारी परिवहन द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि वीडियो वैन मोटर वाहन अधिनियम के अनुरूप है। लेनी  होगी 

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वीडियो वैन पर चुनाव प्रचार की सामग्री एमसीएमसी से प्रमाणित करानी होगी। राजनैतिक दलों द्वारा वीडियो वैन का उपयोग वोट मांगने के लिए अपने कार्यक्रमों एवं नीतियों के प्रचार हेतु ही किया जायेगा। किसी विशेष उम्मीदवार के लिए वोट या समर्थन हेतु वीडियो वैन का इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। अगर विशेष उम्मीदवार के प्रचार के लिए वीडियो वैन का इस्तेमाल किया जायेगा, तो इसका व्यय उम्मीदवार के व्यय में जोड़ा जायेगा। प्रचार के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली वीडियो वैन की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन वीडियो वैन पर होने वाले खर्च को पार्टी के चुनावी खर्च में सम्मिलित किया जायेगा, जिसे चुनाव के उपरान्त भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।  
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि प्रचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वीडियो वैन के रूट की सूचना स्थानीय प्रशासन एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को पूर्व में प्रदान करनी होगी, ऐसा न करने की स्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा नोटिस देकर वीडियो वैन की अनुमति वापस ली जा सकती है। वीडियो वैन का उपयोग रैली अथवा रोड-शो के लिए नहीं किया जायेगा। वीडियो वैन का संचालन प्रातः 08ः00 बजे से रात्रि 08ः00 बजे के मध्य किया जायेगा। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत वीडियो वैन को रोकने के लिए खुले स्थानों को व्यूइंग प्वाइंट के रूप में चिन्हित करने का दायित्व जिला निर्वाचन अधिकारी का होगा। भीड़-भाड़ अथवा बाजार में वीडियो वैन का संचालन नहीं किया जायेगा।
डॉ0 ब्रह्मदेव राम तिवारी ने बताया कि राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और चुनाव आयोग द्वारा जारी कोविड-19 प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने बताया कि व्यूइंग प्वाइंट पर 500 से अधिक या निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत से अधिक दर्शक एकत्रित नहीं होने चाहिए। वीडियो वैन का ठहराव एक स्थान पर 30 मिनट से अधिक नहीं होना चाहिए। इसके अतिरिक्त राजनैतिक दल एवं उम्मीदवारों की जिम्मेदारी होगी कि वीडियो वैन की ध्वनि नियमों में उल्लिखित निर्धारित सीमा से अधिक न हो।

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