जल संरक्षण में उत्तर प्रदेश औव्वल

 
जल संरक्षण (सिंचाई एवं जल संसाधन, लघु सिंचाई आदि) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उ0प्र0 को नेशनल वाटर एवार्ड-2020 से सम्मानित किया गया है। इस प्रकार पूरे देश के राज्यों में जल संरक्षण के लिए हुई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में उ0प्र0 को नं0 1 स्थान प्राप्त हुआ है। इस प्रतिस्पर्धा में राजस्थान को दूसरा तथा तमिलनाडु को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार देश के 10 जनपदों को भी सरहानीय कार्य करने के लिए विशिष्ट श्रेणी में रखा गया है।  

राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2020 की घोषणा आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने करते हुए जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाते हुए सराहनीय कार्य करने के लिए उ0प्र0 के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उ0प्र0 के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह एवं उनके टीम को बधाई दी है। पुरस्कारों की घोषणा करते हुए श्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि चयनित राज्यों ने जल संरक्षण जैसे कठिन विषय को जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित करके एक सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने उ0प्र0 के सिंचाई एवं जल संसाधन एवं उससे जुड़े सभी कार्यों की सराहना की।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि जल संरक्षण, जल संचयन, भूगर्भ जल रिचार्ज तथा जल पुनः भरण के क्षेत्र में अधिकारियों एवं उनकी टीम द्वारा किये गये कार्य को समाज कभी भुला नहीं सकता। उन्होंने कहा कि जल जैसे प्राकृतिक संसाधन की पवित्रता एवं उपलब्धता बनाये रखने, बढ़ती आबादी, शहरीकरण, जलवायु परिवर्तन के कारण जल श्रोतों  को प्रदूषित होने से बचाने की एक बड़ी चुनौती है। इसके साथ ही अंधाधुंध जल दोहन दुनिया के समक्ष बहुत बड़ा संकट है। आबादी के सापेक्ष जल की उपलब्धता विश्व के समक्ष एक गम्भीर समस्या का रूप लेती जा रही है।
देश के प्रधानमंत्री मा0 नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आते ही दिनोदिन गंभीर होते जा रहे जल संकट की समस्या निवारण के उपायों पर मंथन करना शुरू कर दिया था और उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों को जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया। इसके तहत अटल भूजल योजना, जलजीवन मिशन तथा सिंचाई के क्षेत्र में परड्राप मोर क्राप जैसे अनूठे विकल्पों को अपनाने पर बल दिया। इन उपायों के सुखद परिणाम अब परिलक्षित होने लगे हैं।
श्री शेखावत ने कहा कि जल का विवेकपूर्ण उपयोग ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज के लिए विभिन्न उपायों को अपनाने के लिए मा0 प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्लेटफार्मों पर चेतना जागृत की। उन्होंने कहा कि जल संकट की गम्भीर चुनौती के सामने अभी प्रयास कम हैं। इसीलिए जल संरक्षण में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए यह पुरस्कार शुरू किये गये ताकि जल आंदोलन को जन आंदोलन बनाकर आने वाली पीढ़ियों को पर्याप्त जल उपलब्ध कराया जा सके।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री श्री शेखावत ने उ0प्र0 को प्रथम स्थान पर आने के लिए एक बार पुनः बधाई देते हुए कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य होने के बावजूद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह एवं उनके अधिकारियों की टीम ने जल संरक्षण के क्षेत्र में अनूठा प्रयोग करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो दूसरे प्रदेशों के लिए प्रेरणा का श्रोत बनेगा।
डॉ0 शेखावत ने कहा कि जल संरक्षण जन सहभागिता का अनूठा अभियान है। तीनों प्रदेशों की सरकारें और जल संरक्षण में लगे हुए अधिकारीगण भी बधाई के पात्र हैं। विगत 02 वर्षों से कोविड-19 के कठिन कालखण्ड में भी टीम भावना से कार्य करते हुए आने वाली पीढ़ी को निर्बाध जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जो कार्य किया गया है भविष्य की पीढ़ी इनके योगदान का सदैव स्मरण करेगी।

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