हाई कोर्ट की केंद्र को फटकार

हाई कोर्ट  की केंद्र को फटकार- स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन के लिए भीख का कटोरा लेकर अदालत आने को मजबूर न करें, स्वतंत्रता सेनानी की पत्नी को पेंशन के लिए 3 साल इंतजार करवाने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है. मद्रास हाईकोर्ट का हवाला देते हुए जस्टिस राज मोहन सिंह ने कहा कि पेंशन के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को भीख का कटोरा लेकर कोर्ट आने को मजबूर न किया जाए.

होशियारपुर निवासी विद्या देवी ने एडवोकेट ज्योति सरीन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इंसाफ की गुहार लगाई थी. याचिका में बताया गया कि उसके पति राम स्वरूप की 3 नवंबर, 2017 को मौत हो गई थी। वे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिसके चलते केंद्र सरकार की स्वतंत्रता सेनानी सम्मान योजना के तहत उसे पेंशन मिलती थी. इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से भी उसे पेंशन मिलती थी. पति की मौत के बाद जब फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया गया तो राज्य सरकार ने तो पेंशन आरंभ कर दी, लेकिन केंद्र सरकार की पेंशन स्कीम में रोड़ा अटका दिया गया.

तकनीकी कारणों को आधार बनाते हुए याची को फैमिली पेंशन से महरूम रखा गया. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामलों में लकीर का फकीर नहीं बनना चाहिए. जब तकनीकी कारण का निदान पता है तो समाधान की ओर बढ़ना चहिए. मद्रास हाईकोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन के लिए भीख का कटोरा लेकर अदालत आने को स्वतंत्रता सेनानियों को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. सरकार को चाहिए कि उनकी चौखट पर जाए और स्वतंत्रता में उनके योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जाए. हाईकोर्ट ने अब केंद्र सरकार को दो माह के भीतर पेंशन की राशि जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही नवंबर 2017 से अब तक की पेंशन की राशि को 9% ब्याज के साथ भुगतान करने का आदेश दिया है.

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