किसान एक साथ ले सकते हैं आठ फसलें

 

आज के समय में लोगो की सोच अब खेती किसानी को लेकर बदलने लगी है। अब खेती किसानी एक बड़े व्यवसाय के तौर पर जाना जाने लगी है। अगर सही तरीके से खेती की जाये, तो इससे अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। कुछ ऐसी तरकीबे हैं, जिससे किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।मध्य प्रदेश के जबलपुर में जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक अनोखी तकनीक निकाली है। इस तकनीक की मस्त से किसान एक समय में एक खेत से 8 फसल एक साथ लगा सकते है। इसके अंतर्गत किसान कम जगह पर अधिक फसल लगा सकेंगे। कृषि विश्वविद्यालय ‘JNKVV Jabalpur’ ने इस तकनीक को जवाहर प्रोजेक्ट (Jawahar Project) नाम दिया है।इस जवाहर प्रोजेक्ट के तहत अभी जबलपुर जिले के 38 गांवों के 615 किसानों का चयन किया गया है। अभी इनको ट्रेनिंग देने का कम चल रहा है। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि (Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya) और जिला पंचायत ने एक साथ मिलकर जबलपुर में जवाहर प्रोजेक्ट शुरू किया है। किसानों का चयन और बीज नर्सरी का इंतजाम कर लिया गया है। मध्यप्रदेश में पहली बार ऐसा होगा की किसान एक साथ एक खेत में 8 फसलों लगा सकेंगे।यदि जबलपुर जिले में जवाहर प्रोजेक्ट सफल हुआ, तो अन्य जिलों में भी इसे अपनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर में पहले जिला पंचायत आजीविका मिशन के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद अधिकारियों ने ग्राम पंचायतों में जाकर किसानों को प्रोजेक्ट के बारे में बताया और समझाया।इस प्रोजेक्ट से किसान आत्मनिर्भन बनेंगे और उनकी इनकम में भी इज़ाफ़ा होगा। इसके तहत कृषि विवि में 8 फसलों की नर्सरी तैयार की गई है। इसको जिला पंचायत के अधिकारी किसानों को देंगे। वैसे देखा जाए तो किसान एक सीजन में एक ही फसल प्राप्त कर पते हैं, लेकिन जवाहर प्रोजेक्ट में अधिक फसलों को प्राप्त किये जाने का मिशन है।इसको समझने के लिए मान लीजिये की कोई किसान यदि अरहर की बोवनी करता है, तो वह उस खेत में हल्दी, धनिया, बैगन, मिर्ची, टमाटर, भिंडी और अदरक की फसल भी बो सकेगा। कोई एक फसल की बोवनी पूरे खेत में की जाती है और अन्य फसलों को बोरियों में मिट्‌टी भरकर बोया जाएगा। इसके लिए 38 ग्रामों में 615 किसानों का चयन हो चूका है।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्राह्मण वंशावली

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा