चुनावी नतीजों के बाद बढ़ेगी महगाई

10 मार्च को पांचों राज्यों के नतीजे घोषित होंगे। इसके बाद सियासी समीकरण बदल जाएंगे।इसके साथ ही जनता की जेब पर भी पड़ेगा भारी असर | आइये पढ़ते कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को |

10-20 रुपये प्रति लीटर बढ़ सकतें हैं पेट्रोल डीजल के दाम 

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पेट्रोलियम कंपनियों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके बावजूद 5 राज्यों में विधानसभा चुनावों की वजह से भारतीय बाजार में पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन अब चुनाव निपटने के बाद इनकी कीमतों में तेजी से उछाल देखने को मिलेगा।

 2020 में बिहार चुनाव के दौरान क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ी, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ, 28 दिनों में 15 बार कीमतें बढ़ गईं। इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी हुआ। चुनाव बाद अगले 75 दिनों में 41 बार पेट्रोल डीजल के दामो में बढ़ोतरी हुई।

15 रुपये प्रति किलो बढ़ सकते हैं एलपीजी सिलेंडर के दाम

क्रूड ऑयल की कीमतों में उछाल के बाद तेल कंपनियां रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में 15 रुपए प्रति किलो तक रसोई गैस की कीमतें बढ़ सकती हैं। हाल ही में तेल कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 105 रुपए का इजाफा किया गया है।

मार्च 2020 में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर परिवार को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है। सरकार का दावा है कि वो देश के 80 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है। इस योजना की मियाद मार्च में खत्म हो रही है। सरकार कई बार इसकी तारीख बढ़ा चुकी है, लेकिन अब चुनाव खत्म हो गए तो माना जा रहा है कि इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।

भरना पड़ेगा बाकाया बिजली बिल 

चुनाव के चलते जिन राज्यों में बिजली बिलों की वसूली होल्ड पर थी, अब उन राज्यों में भी लोगों को बकाया बिजली बिलों का भुगतान करना होगा.

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