अयोध्या में बनेगा रामायण विश्वविद्यालय
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पर्यटन एवं संस्कृति विभाग जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग की निर्माणाधीन योजनाओं को पारदर्शिता, गुणवत्ता एवं समयबद्धता सुनिश्चित करते हुए जन अपेक्षाओं के अनुरूप पूरा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुसार आगामी 100 दिन के लिए तैयार किये गये एजेण्डे के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्याें एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
जयवीर सिंह आज यहां पर्यटन निदेशालय में संस्कृति विभाग की पूर्व में संचालित योजनाओं की प्रगति तथा 100 दिन के एजेण्डे के तहत ली गयी योजनाओं के सम्बंध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद स्थापित करने के लिए भारतीय संस्कृति के मूल्यों एवं आदर्शों को पूरी दुनिया में फैलाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से पहले इस तरह का वातावरण नहीं था।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि आज की समीक्षा बैठक में जिन बिन्दुओं पर चर्चा की गयी है उस पर पूरी टीम भावना एवं नई ऊर्जा के साथ पूरा कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने संस्कृति विभाग द्वारा अगले 100 दिन के अंदर किये जाने वाले कार्यों तथा लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अयोध्या शोध संस्थान के अन्तर्गत राम नवमी के अवसर पर ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ द रामायण के तहत 10 ग्रन्थों का प्रकाशन एवं विमोचन किया जायेगा। इसके माध्यम से विज्ञान एवं आध्यात्म के अनेक पहलुओं को जन मानस तक पहुंचाया जायेगा।
एजेण्डे के तहत मई, 2022 लखनऊ में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना हेतु शिलान्यास/भूमि पूजन किया जायेगा। इसी प्रकार कबीर अकादमी, मगहर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण होगा। इसके अलावा अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना की जायेगी। इस स्थापना के लिए महर्षि विद्यापीठ ट्रस्ट के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किया जायेगा। विश्वविद्यालय के लिए ट्रस्ट द्वारा 21 एकड़ भूमि चिन्हित की गयी है। इसी प्रकार एडाप्ट हेरिटेज पॉलिसी के अन्तर्गत 09 राज्य संरक्षित स्मारकों पर रूचि की अभिव्यक्ति के द्वारा स्मारक मित्र बनाये जाने की योजना है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि संस्कृति विभाग के राज्य पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर नई दिल्ली के साथ संरक्षित स्मारक छतर मंजिल एवं फरहत बक्श कोठी के पुर्न उपयोग की कार्ययोजना तैयार की जायेगी। पुरातत्व अभिरूचि पाठ्यक्रम का आयोजन जून, 2022 में किया जायेगा। इसी तरह से पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत ग्राम स्तरीय सर्वेक्षण कार्य मई, 2022 में सम्पन्न होगा। इसके अलावा भातखण्डे राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय के अन्तर्गत नवीन पाठ्यक्रमों की शुरूआत किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य ललित कला अकादमी में कलाकृति विक्रय केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि उ0प्र0 राजकीय अभिलेखागार द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत पाण्डुलिपि रिसोर्स संेटर की स्थापना की जायेगी। आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ज्ञात/अज्ञात शहीदों के जीवन एवं योगदान पर आधारित 10 पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा। इसके साथ ही कलाकारों को क्यू-आर कोड परिचय पत्र जारी किया जायेगा। इसके अलावा तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुजरात से एमओयू निष्पादन किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य संग्रहालय लखनऊ के प्राणिशास्त्र अनुभाग की लगभग 2000 कलाकृतियों का डिजिटल ई,डाक्यूमेंटेशन किया जायेगा। इसके साथ ही बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उ0प्र0 में बौद्ध धर्म से जुड़े स्थल-श्रावस्ती एवं सारनाथ में बौद्ध भिक्षुओं एवं बौद्ध विद्वानों को एकत्रित कर विश्व शांति में बुद्धिज्म के योगदान विषय पर आगामी मई, जून मेें वृहद स्तर पर तीन दिवसीय सिम्पोजियम का आयोजन किया जायेगा।
श्री जयवीर सिंह ने 100 दिन की कार्ययोजना के बारे में आगे बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान समिति बौद्ध धर्म से सम्बंधित छोटी-छोटी बुकलेटों एवं पत्रिकाओं को संस्थान द्वारा प्रकाशित कर वितरण एवं धम्म पद का पालि, संस्कृत, हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद कराकर प्रकाशन एवं श्री गौतम बुद्ध चरित्र का प्रकाशन कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त उ0प्र0 जैन विद्या शोध संस्थान द्वारा जैन धर्म व संस्कृति को जनमानस तक पहुंचाने एवं प्रचार-प्रसार हेतु जून, 2022 में जैन विद्धानों व मुनिओं को एकत्र कर 06 तीर्थकरों की प्रवर्तन यात्रा का आयोजन किया जायेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि संस्कृति विभाग एवं अयोध्या शोध संस्थान द्वारा अयोध्या में नियमित रामलीला का मंचन 02 अप्रैल, 2022 से प्रारम्भ करा दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश एवं देश के विभिन्न अंचलों के रामलीला सहित विदेशों के रामलीला समूहों की प्रस्तुतियां भी की जाएंगी।
श्री जयवीर सिंह ने समीक्षा के दौरान कहा कि जो निर्माण कार्य कार्यदायी संस्थाओं के द्वारा कराया जा रहा है उसमें गुणवत्ता एवं पारदर्शिता हर स्तर पर सुनिश्चित की जाय तथा युद्धस्तर पर कार्य करते हुए निर्धारित समय में पूरा कराया जाय, जिससे इन योजनाओं का लाभ आम जनता को प्राप्त हो सके। इस मौके पर राज्य पुरातत्व विभाग लखनऊ के अन्तर्गत 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत निर्माण कार्यों की प्रगति व्यय एवं अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कुछ परियोजनाओं में धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए तेजी से कार्य पूरा करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश मेश्राम ने मा0 मंत्री जी को संस्कृति विभाग के अन्तर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने मा0 मंत्री जी को आश्वस्त किया कि आज की बैठक में दिये गये निर्देशों का 100 प्रतिशत कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।
समीक्षा बैठक में उपस्थित निदेशक सूचना एवं संस्कृति श्री शिशिर ने कहा कि स्थानीय कलाओं, व्यंजनों, वेश-भूषा, लोक जीवन, हस्तशिल्प, संगीत, लोकगीत आदि को ओडीओपी की तर्ज पर प्रोत्साहित करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि मा0 मंत्री जी एवं राज्य सरकार की अपेक्षाओं के अनुरूप 100 दिन के लिए निर्धारित किये गये एजेण्डों एवं लक्ष्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जायेगा।