इंडस्ट्री का मतलब धूल, धक्कड़, धुआं नहीं, बल्कि सुंदरता और ग्रीनरी
उद्योग विकास विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्यशैली में बदलाव करना होगा। वर्क कल्चर को बदलते हुए आगे बढ़कर जिम्मेदारी निभाते हुए कार्यों को करना होगा और इंडस्ट्री की समस्याओं को दूर करना होगा। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद शुक्रवार को पहली बार कानपुर में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की समीक्षा बैठक मैं मंत्री नंदी ने अपना विजन और लक्ष्य दोनों स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन इकोनामी वाला राज्य बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
यूपी सीडा सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यशैली और वर्क कल्चर बदलना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अब चीजों को खुद आगे बढ़कर निबटाएं। ऐसा न हो कि इंड्रस्टलिस्ट ऑफिस आएं, कंप्लेन करें तभी समस्या का समाधान हो। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि खुद आगे आएं और उनसे पूछे की कोई समस्या तो नहीं है। वर्क कल्चर बदलते हुए लोगों को मदद के लिए अप्रोच करना है।
औद्योगिक इकाइयों में काफी अच्छा ग्रीनरी डेवलप किया जाए, ताकि इंडस्ट्रियल एरिया में आने वाले व्यक्ति को यह एहसास हो कि कहां आ गए, नई जगह आ गए। ग्रीनरी, वहां की सड़क, वहां का ड्रेनेज और सीवेज सिस्टम बेस्ट हो। इंडस्ट्री का मतलब ये नहीं कि धूल, धक्कड़, धुआं। पूरी तरह से अब इंडस्ट्री में बदलाव किया जाए। समन्वय, संवाद बनाते हुए चीजों को निपटाना है जैसे क्रिकेट टीम में बॉलर बैट्समैन और फील्डर मिलकर पूरी टीम की जीत के लिए खेलते हैं उसी तरह हम सब को कलेक्टिव प्रयास से उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लिए काम करना है।
समीक्षा के दौरान बड़ी 7 परियोजनाओं के भूखंड आवंटन के उपरांत कब्जा ना मिलने का उत्तर संतोषजनक न पाए जाने पर सारे अभिलेख तलब किए तथा भविष्य के लिए सचेत करते हुए कहा कि बैठक में विस्तृत व संपूर्ण जानकारी के साथ सभी अधिकारी उपस्थित हुआ करें। उपलब्ध जानकारी वेरीफाई करके ही दी जाए। मंत्री नन्दी ने मऊ जिले में पुलिस द्वारा व्यापारियों से स्वतरू कुशलता पूछने का उदाहरण देकर यूपी सीडा द्वारा आवेदकों व व्यवसायियों से उनकी समस्याएं स्वतरू पूछ कर समाधान करके नई वर्क कल्चर विकसित करने का आवाहन किया तथा रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने तथा उस नीति के उल्लंघन होने पर कार्यालय के सर्वाेच्च अधिकारी को दोषी मानकर कार्यवाही की बात कही।
इंडस्ट्रियल एरिया को हरियाली से सजाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा भविष्य में क्षेत्रीय कार्यालयों का भी निरीक्षण किया जाएगा।