गम्भीर बीमारियों से बचाना है तो कम करना होगा वायु प्रदूषण

प्रदेश के वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरूण कुमार सक्सेना ने कहा है कि वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जिससे होने वाली बिमारियों का इलाज असम्भव है। केवल वायु प्रदूषण को कम करके बीमारियों से बचा जा सकता है। आवश्यक है कि सभी सरकारी विभाग एवं कारपोरेट्स प्रदेश के एयरशेड एप्रोच पर काम करें। वायु प्रदूषण कम करने हेतु एयरशेड एप्रोच की सफलता विभिन्न क्षेत्रों और विभागों के पारस्परिक समन्वय पर निर्भर है।

      यह विचार होटल ताज में उत्तर प्रदेश राज्य के लिए प्रस्तावित स्वच्छ वायु प्रबंध परियोजना हेतु विश्वबैंक के साथ दो दिवसीय ‘‘स्टेक होल्डर्स कन्सलटेशन’’ कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये। इस अवसर पर उन्होंने एयरशेड संकल्पना एवं वायुप्रदूषण की जानकारी प्रदान करने वाली एक वीडियो फिल्म का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के विभिन्न विभागों को स्वच्छ एयरशेड योजना, राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारकांे की जानकारी देना एवं विश्वबैंक के द्वारा प्रस्तावित सहयोग के बारे में अवगत कराना है। उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य है जो विश्वबैंक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से स्वच्छ एयरशेड योजना का क्रियान्वयन कर रहा है।
     श्री सक्सेना ने कहा कि विश्वबैंक राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) और 15वें वित्त आयोग के वायु प्रदूषण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए राज्य को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है। विश्व बैंक द्वारा एयरशेड एप्रोच और अंतर-विभागीय एप्रोच के तहत् उ0प्र0 स्वच्छ वायु कार्यक्रम के कार्यान्वयन का समर्थन करने का प्रस्ताव दिया गया है। विश्वबैंक द्वारा प्रस्तावित एनसीएपी के उद्देश्य उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करना, सभी के लिए किफायती धुंआ रहित कुकिंग, परिवहन प्रणाली में सुधार, एअर क्वालिटी मैनेजमेंट में नौकरियों के अवसर उत्पन्न करना तथा किसानों की आय में वृद्धि इत्यादि से जुड़े हुए हैं।
     अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री मनोज सिंह द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश राज्य की भौगोलिक स्थिति राज्य में वायु प्रदूषण बढ़ाती है। चीन एवं दक्षिण कोरिया ने अपने देश में वायु प्रदूषण कम करने के लिए विगत 5 वर्षो में 60 प्रतिशत वायु प्रदूषण कम किया है। राज्य में खाना पकाने के स्वच्छ ईधन के प्रयोग, लघु उद्योगों में प्रदूषण कम करने के उपाय अपनाकर, परिवहन क्षेत्र में उचित प्रयासों द्वारा एवं नगरीय क्षेत्रों में फुटपाथ बनाकर वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है।
     सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री आशीष तिवारी द्वारा कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारको, स्वच्छ एयरशेड योजना एवं विश्वबैंक के द्वारा प्रस्तावित सहयोग के बारे में जानकारी प्रदान की गयी। श्री आशीष तिवारी द्वारा अवगत कराया गया कि विश्व बैंक द्वारा ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय संस्थानों के सहयोग से एक अध्ययन के द्वारा राज्य में वायु प्रदूषण के मुख्य कारको की सूची तैयार की गयी है, जिससे स्वच्छ एयरशेड योजना के तहत कार्यवाही बिन्दुओं का निर्धारण किया जा सके।
     कार्यशाला में वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधि क्रिस्टाफे क्रेपिन, केनि सेफर्ड, ईशा श्रीवास्तव एवं उ0प्र0 के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, परिवहन, नगर विकास, वित्त, सूक्ष्म लघु, मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन, कृषि, पशुपालन, अतिरिक्त ऊर्जा, दुग्ध विकास, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन, खाद्य एवं रसद, बाह्य सहायतित परियोजना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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