गोरखनाथ मंदिर हमला, सवा घंटे चला ऑपरेशन

चार डॉक्टरों की टीम ने जोड़ीं मुर्तजा के हाथ की हड्डिया 

 
गोखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपित अहमद मुर्तजा अब्बासी के हाथ का बुधवार को जिला अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। करीब सवा घंटे तक चले ऑपरेशन में डॉक्टरों की टीम ने नेलिंग के जरिए हड्डियां जोड़ीं।  मुर्तजा को बुधवार की सुबह 10 बजे प्राइवेट वार्ड के कमरा नम्बर 8 से ओटी में लाया गया। वहां 11.30 बजे से आर्थों सर्जन डॉ. राकेश कुमार और डॉ. अम्बुज श्रीवास्तव की टीम ने उसका ऑपरेशन शुरू किया।

यह ऑपरेशन 12.45 बजे तक चला। इसके बाद करीब 2.25 बजे उसे प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि उसके बाएं हाथ की दोनों हड्डी टूटी थी। प्लास्टर किया गया था लेकिन जुड़ नहीं रही थी। ऑपरेशन कर नेलिंग से वायरिंग कर हड्डियों को जोड़ा गया है। ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। 24 घण्टे तक निगरानी में रहेगा। गुरुवार को चेकअप करने के बाद सब कुछ ठीक रहा तो जेल भेजने पर फैसला होगा। 

सुबह से ही पानी व खाने से किया गया था मना;
मुर्तजा को मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उससे पहले उसकी सारी जांच कराई गई थी। मंगलवार की रात को मुर्तजा को जेल मैनुअल के हिसाब से रोटी व सब्जी दी गई। बुधवार की सुबह ब्रेड व चाय दी गई। पर ऑपरेशन की वजह से सुबह 9 बजे के बाद डॉक्टरों की ओर से उसे कुछ भी खाने-पीने से मना किया गया था। डॉक्टर अंबुज ने बताया कि आर्थो के आपरेशन थियेटर में दो डॉक्टरों की टीम, बेहोशी की टीम व ओटी की टीम ऑपरेशन के दौरान मौजूद रही।

अस्पताल में तैनात है भारी फोर्स

मुर्तजा की सुरक्षा को लेकर अस्पताल में एक सीओ, एक इंस्पेक्टर, 4 दरोगा, 15 सिपाहियों की टीम उसकी सुरक्षा में लगी है। मुर्तजा की फोटो लेने व किसी से मिलने पर रोक है। पूरी तरह से जेल मैनुअल का यहां पालन हो रहा है। मंगलवार की दोपहर 12 बजे से लेकर बुधवार शाम तक उससे मिलने उसके घरवाले नहीं आए थे। वहीं आपरेशन के दौरान भी उसके घरवाले नहीं रहे। 

यह है मामला;
गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षा कर्मियों पर 3 अप्रैल की देर शाम मुर्तजा अब्बासी ने बांकी से हमला कर दिया था। इसमें पीएसी के दो जवान घायल हुए थे। पुलिसवालों ने पब्लिक की मदद से उसे पकड़ लिया था। गुस्साई भीड़ से मुर्तजा की पिटाई कर दी थी जिससे उसके एक हाथ की हड्डियां टूट गयी थीं। डॉक्टर ने हाथ में प्लास्टर लगा दिया था पर टूटी हड्डी जुड़ी नहीं जिसकी वजह से वह दर्द से परेशान था। जेल जाने के बाद उसने हाथ में दर्द की शिकायत की थी जिसके तहत मंगलवार को जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।  

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्राह्मण वंशावली

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा