स्मार्ट मीटर से भी हो रही बिजली चोरी

गोरखपुर; बिजली विभाग के अधिकारी जिस स्मार्ट मीटर के फुल प्रूफ होने का दावा करते हैं, दो सगे भाइयों ने उसी में सेंध लगा दी। दोनों भाई एक-दो नहीं बल्कि चार स्मार्ट मीटरों से बिजली बाइपास कराकर आइसक्रीम फैक्ट्री चलाते रहे और बिजली निगम के अफसरों को भनक तक नहीं लगी। विशेष अभियान में स्मार्ट मीटर में लोड के अनुरूप रीडिंग न होने की पुष्टि हुई तब अफसर जगे। चार दिन की जांच के बाद शनिवार को दोनों भाइयों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। दोनों पर 45 लाख रुपये से ज्यादा की बिजली चोरी का आरोप है। दावा है कि स्मार्ट मीटर से चोरी का प्रदेश का यह पहला मामला सामने आया है।

आइसक्रीम फैक्ट्री को नियम के विपरीत दिए गए थे चार-चार किलोवाट के चार कनेक्शन;

शाहपुर उपकेंद्र ऊंचवा फीडर से भरपुरवा निवासी इमरान खान और अहमद खान को कनेक्शन दिया गया है। दोनों ने चार-चार किलोवाट के दो-दो कनेक्शन लिए हैं। नियमानुसार एक परिसर में तब तक दो कनेक्शन नहीं दिए जा सकते हैं जब तक दो परिवारों के रहने की पुष्टि न हो जाए। इस नियम को ताक पर रखकर बिजली निगम के अफसरों ने चार कनेक्शन जारी कर दिए। चोरी पकडऩे वाली टीम में एसडीओ विवेक सिंह, सहायक अभियंता मीटर धिवेश कुमार, मोतीलाल भारद्वाज, बृजेश त्रिपाठी, कृष्णमोहन यादव, पंकज पासवान शामिल रहे। एंटी थेफ्ट बिजली थाना के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह ने कहा कि विजिलेंस के प्रभारी दिनेश मिश्र की तहरीर पर एफआइआर दर्ज की गई है।

ऐसे कर रहे थे बिजली चोरी

स्मार्ट मीटर के न्यूट्रल में केबल के लाल रंग का तार लगता है और दूसरी फेज में काले रंग का। दोनों भाइयों ने केबल इसी रंग का लगाया था लेकिन बिजली निगम के अफसरों को चकमा देने के लिए लाल तार पर काला और काले तार पर लाल रंग का टेप चिपका दिया था। ताकि जांच के लिए आए कर्मचारी न्यूट्रल को फेज मानकर जांच करें और गड़बड़ी का पता न चले। इसके बाद न्यूट्रल को उपकरणों की सहायता से खराब कर दिया था। इससे स्मार्ट मीटर में बिजली आ रही थी और परिसर में जा रही थी लेकिन रीडिंग दर्ज नहीं हो रही थी। यानी स्मार्ट मीटर के अंदर से ही बिजली को बाइपास कर दिया गया था।

बिना मिलीभगत नहीं हो सकती चोरी

बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि दोनों भाइयों के परिसर से स्मार्ट मीटर जब उतारा गया तो उसकी सील बिल्कुल सही थी। यानी बिजली चोरी के सभी उपाय मीटर सील होने के पहले किए गए। इसमें बिजली निगम और लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है।

चार दिन तक चली जांच

स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का संदेह चार दिन पहले हुई विशेष जांच अभियान में ही हो गया था। नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी के निर्देश पर मीटर के साथ ही एलएंडटी के भी अफसरों को बुला लिया गया था। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया थी। बिजली चोरी इस तरह की जा रही थी अफसरों को माथाप'ची करनी पड़ी। दूसरा स्मार्ट मीटर मंगाकर पूरे परिसर की बिजली काटी गई। फिर हीटर जलाकर देखा गया तो चोरी की पुष्टि हुई।

भाग गए दोनों भाई

बिजली निगम के अफसर जांच करने पहुंचे तो दोनों भाई भाग निकले। इस पर इलाके के पार्षद को बुलाकर स्मार्ट मीटर उतरवाया गया। अफसरों ने बताया कि आइसक्रीम परिसर में कई संदिग्ध लोग काम करते हैं। इसकी भी जांच करानी जरूरी है।

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