आओ मिलकर वृक्ष लगायें, दुनिया को तंदुरूस्त बनायें:संजय भूसरेड्डी

पर्यावरण संरक्षण को समर्पित ‘वृक्षारोपण जन आंदोलन-2022‘ कार्यक्रम को सक्रिय सहभागिता के माध्यम से सफल व सार्थक बनाने हेतु मा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में आज लाल बहादुर शास्त्री, गन्ना किसान संस्थान के मनोरम परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं कार्मिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण जन आन्दोलन-2022 को सफल बनाने एवं वनाच्छादन के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण एवं रोपित किये गये वृक्षों की देखभाल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण मानव जीवन की सर्वोच्च आवश्यकता है तथा जल, जंगल और जमीन इसके प्रमुख आधार हैं। हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा भी वृक्षों की महत्ता को पहचानकर उनकी देवरूप में पूजा अर्चना की गयी। पुराणों में भी उल्लेख है कि एक वृक्ष मनुष्य के दस पुत्रों के समान है। इसलिए मानव जीवन में पेड़-पौधों की बड़ी महत्ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि तालाब, कुआं, नदी, गड्ढे सूखने लगे हैं, जलस्तर दिन-प्रतिदिन नीचे गिरता जा रहा है। जिसके कारण विभिन्न प्राकृतिक संसाधन नष्ट होते जा रहे है, जिन्हें बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने विभाग के समस्त कार्मिकों से आह्वान किया कि सभी लोग वृक्षारोपण जन आन्दोलन में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करें तथा अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करें। परिक्षेत्र स्तर पर भी गन्ना विकास विभाग की विभिन्न सहकारी गन्ना समितियों के खुले मैदानों एवं कार्यालय परिसरों में भी वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में प्रबन्ध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ, श्री रमाकान्त पाण्डेय, अपर गन्ना आयुक्त(प्रशासन) डॉ रूपेश कुमार, अपर चीनी आयुक्त श्री शिव सहाय अवस्थी, अपर गन्ना आयुक्त(विकास) श्री वी.के. शुक्ल, संयुक्त गन्ना आयुक्त डॉ वी.बी. सिंह एवं श्री विश्वेश कनौजिया, प्रभारी मुख्य अभियंता श्री अरूण कुमार यादव एवं मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आम, आंवला, गुड़हल, सागौन, हरसिंगार, साल्विया, कनेर आदि फूल व फल के पौधे रोपित किये गये।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ब्राह्मण वंशावली

मिर्च की फसल में पत्ती मरोड़ रोग व निदान

ब्रिटिश काल में भारत में किसानों की दशा