अमरनाथ गुफा के पास सैलाभ सेना ने सभाली कमान

श्रीनगर; आज शाम साढ़े पांच बजे अमरनाथ गुफा के बाद बादल फटने के बाद आई तबाही में कई टैंट और तंबू मलबे में बह गई। इस घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है। जबकि 35 लोगों के लापता होने की सूचना है। एनडीआरफ सूत्रों का कहना है कि सैलाब में कई लोग बह गए इसलिए लापता लोगों के बचने की संभावना काफी कम है। उधर, घटना की गंभीरता को देखते हुए सेना ने रेस्क्यू का जिम्मा संभाल लिया है। सेना की छह टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई हैं। रेस्क्यू में एनडीआरफ और आईटीबीपी की टीमें भी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, घटना शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे की है। घटना के वक्त अमरनाथ यात्रा के लिए गुफा के पास 12 हजार से ज्यादा श्रद्धालु मौजूद थे। कुछ दिन पहले मौसम विभाग ने अमरनाथ गुफा के पास इलाके में खराब मौसम की चेतावनी जारी की थी। हालांकि एनडीआरएफ की टीमें इमरजेंसी के लिए उपलब्ध थीं। लेकिन अचानक आए सैलाब में गुफा के पास टैंट और तंबू में आराम कर रहे श्रद्धालुओं को संभलने का मौका नहीं मिला और कई लोग सैलाब में बह गए। 

एनडीआरएफ सूत्रों का कहना है कि इस घटना में मौत के आकंड़े में वृद्धि हो सकती है। तकरीबन 35 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। जबकि, 15 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 

सेना भी रेस्क्यू में जुटी

अमरनाथ गुफा के बाद बादल फटने की घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना की छह टीमें भी जुड़ गई हैं। इससे पहले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और आईटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्यों में जुटी है। 

घायलों को एयरलिफ्ट

बादल फटने की घटना में कई श्रद्धालुगण घायल भी हुए हैं। घायलों के तत्काल इलाज के लिए उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जा रहा है। उधर, प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह घटना पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। पीएम ने शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है तो रेस्क्यू ऑपरेशन में हर संभव मदद के निर्देश दिए हैं।

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