प्रदेश में होगा 2030 तक 1370 लाख टन कार्बन अवशोषित

 
पर्यावरण संरक्षण के प्रति बेहद सजग उत्तर प्रदेश सरकार इन दिनों पौधारोपण पर जोर दे रही है। पौधारोपण की मदद से सरकार उर्जा दक्षता के साथ ई-मोबिलिटी पर फोकस कर रही है। सूबे में पौधारोपण की मदद से प्रदेश सरकार कार्बन डाईआक्साइड कम करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर चुकी है,योगी आदित्यनाथ सरकार ने अब जलवायु परिवर्तन के खतरों को ध्यान में रखते हुए आगामी पांच वर्षों का क्लाइमेट एक्शन प्लान तैयार किया है। प्रदेश सरकार का सर्वाधिक फोकस पौधारोपण पर है और हर वर्ष 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह से वर्ष 2027 तक 175 करोड़ पौधे लग जाएंगे।प्रदेश में इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ सरकार 1.0 में भी 100 करोड़ से अधिक पौधे लग चुके हैं। ऐसे में वर्ष 2027 तक 275 करोड़ से अधिक पौधे लग जाएंगे, यह पेड़ वर्ष 2030 तक करीब 1370 लाख टन कार्बन का अवशोषित कर सकेंगे,कार्बन डाईआक्साइड बढऩे के कारण तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे कम करने के लिए पर्यावरण निदेशालय ने आगामी पांच वर्ष की विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। पौधारोपण पर सर्वाधिक फोकस इसलिए किया है क्योंकि एक पेड़ प्रति वर्ष करीब पांच से छह किलो कार्बन अवशोषित करता है। औद्योगिक इकाइयों, भवनों व शैक्षिक संस्थानों आदि में ऊर्जा दक्षता को पूरी तरह अपनाया जाएगा। यानी ऐसे भवन बनाए जाएंगे जिनमें दिन में बिजली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरा क्षेत्र ई-मोबिलिटी का है। इसके तहत प्रदेश में खासकर सार्वजनिक वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना है। निजी वाहन भी इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील हों इसके लिए भी प्रयास किए जाएंगे। सरकार घरेलू रूफटाप सोलर पावर प्लांट को भी और बढ़ावा देगी। प्रदेश में आफ ग्रिड सोलर पावर प्लांट भी बनाए जाएंगे। सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को भी प्रोत्साहन देगी।

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