कदन्न फसलों को बढ़ावा देने की रणनीति बनाने का आदेश

प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा कृषि विभाग की विभिन्न केन्द्र एवं राज्य पोषित योजनाओं के अन्तर्गत वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गयी। कृषि भवन के सभाकक्ष में समीक्षा के दौरान कृषि राज्य मंत्री जी श्री बल्देव सिंह औलख जी सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि निदेशक, उ०प्र० एवं समस्त योजनाधिकारी उपस्थित रहे। 

विभाग की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने पर उपलब्ध धनराशि के अभी तक 53 प्रतिशत व्यय होने पर असंतोष व्यक्त किया गया। शासन द्वारा रू० 2500 करोड़ की जारी स्वीकृति के सापेक्ष विभाग द्वारा मात्र रू० 1350 करोड़ ही व्यय किया गया है।
विभागीय अधिकारियों ने धनराशि व्यय में आड़े आ रही समस्याओं के क्रम में अवगत कराया कि अब केन्द्रीय योजनाओं में व्यय पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से होना है, जो नई व्यवस्था है। साथ ही डी०बी०टी० पोर्टल में भी कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण व्यय की प्रगति अपेक्षाकृत कम है। पी०एफ०एम०एस० पोर्टल संचालन की गति बढाते हुए तथा डी०बी०टी० पोर्टल की समस्याओं को दूर करते हुए व्यय प्रगति में तेजी लायी जायेगी।
कृषि मंत्री जी द्वारा कहा गया कि वर्ष 2023 मिलेट वर्ष है, इसलिए कदन्न फसलों को बढावा देने के लिए हमें अभी से ही रणनीति बनाकर कार्यवाही करनी होगी। रबी मिलेट्स के लिए बीजों की मांग प्राप्त कर आपूर्ति व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर ली जाये।
कृषि मंत्री जी द्वारा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि यदि भारत सरकार स्तर से कोई समस्या हो तो उन्हें तत्काल अवगत कराया जाये, ताकि उसका निराकरण कराते हुए प्रदेश हेतु अधिकाधिक धनराशि प्राप्त की जा सके। उन्होंने निर्देशित किया कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के किसानों तक लाभ पारदर्शी तरीके से व शीघ्रता से पहुंचाने की कार्यवाही की जाए।

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