जिलाधिकारी की नाक के नीचे घूस लेते धरा गया चकबंदी लेखपाल

गाजीपुर, भ्रष्टाचार मुक्त यूपी का नारा देने वाली योगी सरकार के मुख्य दूत माने जाने वाले एक डीएम की नाक के नीचे चकबंदी लेखपाल को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रंगे हाथ धर दबोचा और उसे थाने ले जाकर जेल भेज दिया। 

         कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर ऐसी घटना होने के बाद हड़कंप मच गया। चकबंदी लेखपाल सूरज सैदपुर क्षेत्र देखते हैं। उनके खिलाफ बहरियाबाद के बबुरा निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि चकबंदी के आदेश के बावजूद लेखपाल द्वारा काम करने के लिए 10 हजार रूपए की रिश्वत मांगी जा रही थी। जिसके बाद टीम प्रभारी उपेंद्र सिंह यादव ने जाल बिछाया। इसके बाद पीड़ित को लेखपाल ने डीएम कार्यालय के गेट संख्या दो के बाहर स्थित एक दुकान पर बुलाया। वहां उसने केमिकल लगे नोटों को लेखपाल को दिया। जैसे ही उसने नोट दिया, वहां सादे कपड़ों में मौजूद एसीबी की टीम ने लेखपाल को दबोच लिया और साथ ले गए।

       वहां हाथ धुलवाने पर हाथ लाल हो गया। जिसके बाद कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद लेखपाल पर कार्रवाई की गई। 

        इधर डीएम की नाक नीचे ऐसी वारदात होने की जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। लोगों का कहना है कि एक जिलाधिकारी को सीएम का दूत ही माना जाता है। ऐसे में ये उसकी हिम्मत ही है कि वो डीएम के नाक के नीचे उनके ही विभाग का कर्मी रिश्वत ले रहा है। 

      टीम में संध्या सिंह, उपेंद्र सिंह यादव, विनोद कुमार यादव, मुख्य आरक्षी शैलेंद्र कुमार राय, सुनील कुमार यादव, पुनीत कुमार सिंह आदि रहे।

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