मेरे मामा के मामा की हवेली
हमारी बुढ़िया नानी के पास ही गृह मंत्रालय का चार्ज था। वही सबको कन्ट्रोल करती थीं, या यूँ कहिये की उस परिवार के लिए वही सब कुछ थीं क्योंकि उन्होंने ही हमारे तीनों नाना का पालन पोषण की थीं, दरअसल उनका दुर्भाग्य ये था कि वो आठ वर्ष की उम्र में ही विधवा होगयी थी और उस समय दूसरे विवाह का प्रचलन न के बराबर था। उन्होंने दुबारा विवाह न करके मायके में ही पूरा जीवन काट दिया और सब का पालन-पोषण करती रहीं वह ही सब को उन्नति की राह पकड़ाती रहीं। एक सौ तेरह वर्ष की उम्र में उन्होंने शरीर छोड़ा, वो भी चलते-फिरते.
ओम प्रकाश मामा से हमारी मुलाकात नन्हीं गुड़िया माला के विवाह में हुई, खैर जैसा सुना था वैसा ही पाये। उनके आते ही पूरा विवाह समारोह प्रकाशमय हो गया. अपने माता पिता की संतानों में ज्येष्ठ होने के नाते हमारी नन्ही लली की शादी का सारा भार हमारे ऊपर ही था. मामा ने पहुँचते ही मानों हमें भार मुक्त कर दिये.तभी से हम मामा भान्जे पूर्ण रूप से एक दूसरे के सम्पर्क में आये और तब समझ आया की वाकई में मामा, माता- पिता, भाई-बन्धू, हित- मित्र सब में सर्वोपरि है । मामा का खूब प्यार मिल रहा है.
जैसा कि मेरे मन में विचार आया था की मामा के मामा की हवेली पर जाऊँगा वो दिन आया. अवसर था हमारे देव तुल्य माता-पिता को चारों धाम की यात्रा पर जाने का! हमारे यहां जब कोई चारोंधाम की यात्रा पर निकलता है तो अपने ननिहाल से अक्षत (चावल) लाना होता है और सम्बंधित घरो में वो अक्षत डाला जाता है.
खैर चार सितम्बर 2022 को मामा के मामा की हवेली पर गये और वहां का नजारा देख कर हम मंत्र मुग्ध हो गये, मेरे ओम प्रकाश मामा वाकई में बहुत ही प्रकाशवान है. उन्होंने मामा के नाना के कर कमलों से बनवाया खपरैल का घर आज भी पूरी मुस्तैदी से खड़ा अपना इतिहास दुहरा रहा है, मामा के नानी के हाथ से बना चूल्हा आज भी मौजूद है , मामा के नाना जी का खुदवाया कुआँ आज भी जलपूरित है और शीतल जल देने में तरपर है. मेरे ओम प्रकाश मामा जिनको ईश्वर ने सब कुछ दिया है वो धन, बल, मान प्रतिष्ठा एवं पद सब कुछ से सबल है (एक प्रतिष्ठित चैनल में महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं मगर दर्प तो उन्हें छू भी नहीं पाया है।) लेकिन अपनी धरोहरों को बहुत ही सम्भाल कर रखें है. हम वहां वो सब कुछ पाये जो हमारी माता जी और राम बोध मामा बताया करते थे . धन्य है वह लहू की बूंदें जिनके वह वंशज है. आज हम अपने आप को बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि हम भी ऐसी खून की बूंद है जिनके लिए पूर्वज देव तुल्य और उनसे मिली धरोहरें बहुमूल्य खजाना हो...!!