प्राकृतिक विधि से अन्न भंडारण

प्राकृतिक पद्धति से अन्न भंडारण दिनों देश दुनिया में प्राकृतिक खेती की चर्चा जोरों पर है मगर प्राकृतिक पद्धति से उपजाये गये अनाज का भण्डारण यदि रासायनिक विधि से कर दिया जाएगा तो समझो सारा गुड़ गोबर। वैज्ञानिकों ने अब अन्न भंडारण का प्राकृतिक विधि भी खोज लिया है। इस विधि से भण्डारण के लिए गेहूं, चावल, बाजरा, ज्वार, मूंग, मोठ, उड़द, चना, मटर , राजमा, धनिया एवं मसाला की  फसल लेने के बाद 8 से 10 दिन छांव में सूखने दें। 1 किलो देसी गोवंश के गोबर की राख (भस्म) में 50 ग्राम हींग, 50 ग्राम हल्दी पाउडर,  100 ग्राम अजवाइन पाउडर मिलाकर  5 से 10 ग्राम की कॉटन के कपड़े में पोटली बना लें । पोटली को माह के कृष्ण पक्ष में सुबह के समय  स्टील की छोटे मुख वाली टंकी या मिट्टी की कोठी में उसे भण्डारण करें। प्रति 1 किलो मसाले में एक राख पोटली एवं ज्यादा अनाज में 4 से 5 किलो अनाज में एक भस्म पोटली बीच-बीच में रख दे। अंत में ऊपर कुछ पोटली और रख दे । इस तरह अनाज, मसाला भण्डारित करने से कीडे़ एवं जंतु से 1 साल से ज्यादा समय तक पूर्णतया विष मुक्त सुरक्षित रख सकते हैं।

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